बिहार के युवा पत्रकार बुद्धिनाथ झा की हत्या को लेकर आसनसोल के पत्रकार हुए लामबंद, सौंपा पश्चिम बर्दवान जिला शासक को ज्ञापन
आसनसोल । पत्रकारिता को गणतंत्र का चौथा स्तंभ कहा जाता है लेकिन आए दिन दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र भारत में ऐसी घटनाएं घटती रहती है। जिससे लोकतांत्रिक मूल्यों पर कहीं न कहीं कुठाराघात होता है। हाल ही में बिहार में एक ऐसी ही घटना सामने आयी। बिहार के मधुबनी जिले में एक युवा और निर्भीक पत्रकार बुद्धिनाथ झा की निर्ममता के साथ हत्या कर दी गई। महज 22 साल की उम्र में ही बुद्धिनाथ ने सच को उजागर करने के लिए सर्वोच्च बलिदान दे दिया। कहा जा रहा है कि बुद्धिनाथ बिहार में फर्जी लाइसेंस के सहारे चल रहे निजी नर्सिंग होम का पर्दाफाश करने वाले थे। लेकिन उससे पहले ही अपरारिधियों ने उनको जिंदा जला दिया और सच्चाई की आवाज को दफ्न करने की कोशिश की। पत्रकार बुद्धिनाथ झा की निर्मम हत्या के विरोध में पूरे देश के बुद्धिजीवी वर्ग में नाराजगी है। आसनसोल शिल्पांचल के पत्रकारों द्वारा भी मंगलवार को शहर के बीएनआर मोड़ स्थित रवीन्द्र भवन के सामने विरोध सभा का आयोजन किया गया। यहां जिले के कई अग्रणी पत्रकार उपस्थित थे जिन्होंने पत्रकारिता के मूल्यों के लिए अपनी कुर्बानी देने वाले बुद्धिनाथ झा को श्रद्धांजलि दी और जिन्होनें भी इस घृणित कार्य को अंजाम दिया है उनको कड़ी सजा देने की मांग की। रवीन्द्र भवन के सामने विक्षोभ प्रर्दशन के बाद पत्रकारों ने पश्चिम बर्दवान जिलाधिकारी के मार्फत देश के रास्ट्रपति को ज्ञापन सौंपा। जिले के सभी पत्रकारों ने एकजुट होकर इस ज्ञापन के जरिए पश्चिम बर्दवान जिला शासक के जरिए बिहार सरकार से बुद्धिनाथ के हत्यारों को जल्द से जल्द सलाखों के पीछे पहुंचाने और सच्चाई को उजागर करने की कोशिश कर रहे पत्रकारों को पूरे देश में सुरक्षा देने की मांग की।