सृष्टिनगर में शुरू हुआ आधुनिक तरीके से ई कचरे के निपटान का कार्यक्रम
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आसनसोल । भारत इलेक्ट्रॉनिक और बिजली के कचरे का तीसरा सबसे बड़ा उत्पादक है, जो सालाना लगभग 30 लाख टन कचरा पैदा करता है। प्रौद्योगिकी के बढ़ते विकास के साथ, यह आंकड़ा केवल बढ़ रहा है। वर्तमान में, उत्पन्न कुल ई-कचरे का केवल 5 फीसदी को ही उचित तरीके से ही रिसाईकिल किया जाता है। शेष 95 फीसदी कचरा लैंडफिल और जलाशयों में जाता है, जो बड़ी मात्रा में जहरीली गैसों को हवा, पानी और मिट्टी में छोड़ता है, जिससे पर्यावरणीय क्षति और गंभीर स्वास्थ्य खतरे पैदे होते हैं। ई वेस्ट डिस्पोजल को लेकर सबसे बड़ी समस्या जागरुकता है। इस अंतर को पाटने के लिए हुलादेक सृष्टि कॉर्पोरेशन के सहयोग से दक्षिण बंगाल के सबसे बड़े शहर आसनसोल के सृष्टिनगर में जागरूकता अभियान और संग्रह अभियान चला रहा है। इस अभियान का मुख्य उद्देश्य इलेक्ट्रॉनिक कचरे और रीसाइक्लिंग के उचित तरीकों के बारे में जागरूकता पैदा करना है। रिहायशी इलाके में घर-घर जाकर व्यापक अभियान चलाया जाएगा और शॉपिंग मॉल में पर्चे बांटे जाएंगे। श्रृष्टि नगर के परिसर में इलेक्ट्रानिक कचरा और प्लास्टिक कचरे के डिब्बे स्थापित किए जा रहे हैं ताकि निवासियों को जिम्मेदार कचरा निपटान के लिए उचित बुनियादी ढांचा मिल सके। संग्रह अभियान आज से शुरू हो गया है। पहले चरण में सभी निवासियों को पर्चे बांटे जा रहे हैं। अंतिम संग्रह रविवार 23 जनवरी 2022 को आसनसोल के श्रृष्टिनगर में होगा।
हुलादक रिसाईकिलिंग प्राईवेट लिमिटेड एक अधिकृत ई-कचरा प्रबंधन कंपनी है जो अपशिष्ट निपटान के उचित चैनल स्थापित करके इलेक्ट्रॉनिक कचरे को एकत्र और चैनलाइज़ करती है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा अधिकृत, हुलाडेक ने पिछले 6 वर्षों में 2 मिलियन किलोग्राम ई-कचरे का पुनर्चक्रण किया है। इसका मुख्यालय कोलकाता में है और यह देश भर के 18 राज्यों में संचालित होता है। इस संदर्भ में हुलादक रिसाईकिलिंग के संस्थापक और सीएमडी नंदन मिल ने कहा कि “हम सृष्टि कॉरपोरेशन जैसे संगठनों को पाकर खुश हैं, जिन्होंने कचरा मुक्त देश को बढ़ावा देने की पहल की है। हमें उम्मीद है कि हम आसनसोल को साफ-सुथरा और हरा-भरा बना सकते हैं।”































