फिरोज खान की ओर से रेलवे स्कूलों को बंद करने के मामले में केंद्रीय रेलवे मंत्री को लिखे पत्र ने दिखाया असर
आसनसोल । बीते दिनों रेलवे की तरफ से आसनसोल के ईस्टर्न रेलवे स्कूलों को बंद करने का नोटिस जारी किया गया था। इस नोटिस के तहत कहा गया था कि अगले शैक्षणिक वर्ष से इन स्कूलों में किसी भी छात्र की भर्ती नहीं होगी और जो छात्र इस समय इन स्कूलों में पढ़ रहे हैं। उन छात्रों के अभिभावकों को कहा गया था कि वह अपने बच्चों को किसी अन्य स्कूल में भर्ती कर लें। इस नोटिस से इन स्कूलों में पढ़ने वाले छात्रों के अभिभावकों में हड़कंप मच गया था। उनका कहना था कि इस फैसले से इनके बच्चों का भविष्य अंधकारमय हो जाएगा। क्योंकि अन्य किसी स्कूल में इतने बड़े पैमाने पर बच्चों की भर्ती संभव नहीं होगी। क्योंकि उन स्कूलों में पहले से ही बच्चे पढ़ रहे हैं। इस मुद्दे पर अंतरराष्ट्रीय सामाजिक संस्था पीस इंडिया के संस्थापक और चेयरमैन फिरोज खान(एफके) ने केंद्रीय रेलवे मंत्री अश्विनी वैष्णव को एक चिट्ठी लिखकर इस फैसले को रद्द करने का अनुरोध किया था। उन्होंने कहा था कि इन स्कूलों में बड़ी संख्या में बच्चे पढ़ते हैं। रेलवे द्वारा अचानक लिए गए इस फैसले से इन बच्चों का भविष्य अधर में लटक जाएगा। दूसरी तरफ ईस्टर्न रेलवे के स्कूल आसनसोल की धरोहर है जिन को बरकरार रखने की जरूरत है। फिरोज खान द्वारा इस मुद्दे को रेलवे मंत्रालय में उठाने के बाद वहां से सकारात्मक प्रतिक्रिया मिली है। पीस इंडिया के संस्थापक चेयरमैन फिरोज खान और अध्यक्ष प्रदीप प्रसाद ने बताया की रेलवे विभाग की तरफ से मामले को आसनसोल डीआरएम ऑफिस की सीनियर डीपीओ और आसनसोल डिवीजन की सीनियर डिविजनल ऑफिसर ईएस सिमिक देखने के लिए कहा गया है। इसके साथ ही पीस इंडिया के तरफ से इस फैसले के खिलाफ एक हस्ताक्षर अभियान भी चलाया जा रहा है। जिससे इन स्कूलों को बंद करने के फैसले को रद्द किया जा सके। फिरोज खान और प्रदीप प्रसाद ने बताया कि अगर रेलवे द्वारा अपने फैसले पर पुनर्विचार करते हुए इनको रद्द नहीं किया जाता तो वह सर्वोच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाएंगे।