सस्टेनेबल डेवलपमेंट पर आसनसोल इंजीनियरिंग कॉलेज में आयोजित हुई सेमिनार
आसनसोल । बंगाल चेंबर ऑफ कॉमर्स की ओर से शनिवार आसनसोल इंजीनियरिंग कॉलेज में एक सेमिनार का आयोजन किया गया। सेमिनार का उदघाटन दीप प्रज्वलित कर किया गया। सेमिनार का विषय सस्टेनेबल डेवलपमेंट था। मौके पर राज्य के कानून सह श्रम मंत्री मलय घटक ने कहा कि पहले आसनसोल को भारत का रूर कहा जाता था। उन्होंने कहा कि रूर जर्मनी का एक बेहद विकसित औद्योगिक अंचल था। आसनसोल की तुलना उसके साथ की जाती थी। लेकिन धीरे-धीरे किन्ही कारणों से आसनसोल और आसपास के क्षेत्र में बने विभिन्न कारखाने बंद हो गए और जो गौरवशाली इतिहास क्षेत्र का था। वह कहीं न कहीं कुंद पड़ गया। लेकिन अब राज्य के मुख्यमंत्री ममता बनर्जी फिर से आसनसोल के पुराने गौरवशाली इतिहास को दोहराना चाहती है। इसके लिए बंद पड़े कारखानों की जमीन पर नए कारखाने बढ़ाने की कवायद शुरू हुई है। उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल में बीते 11 सालों में कोई भी श्रम दिवस नष्ट नहीं हुआ है। क्योंकि राज्य सरकार बंद या हड़ताल के खिलाफ है। यहां तक कि अगर कोई कारखाने के भीतर अशांति फैलाने की कोशिश करता है तो उसको सहन नहीं किया जाता है। उन्होंने बताया कि हाल ही में हल्दिया में तृणमूल कांग्रेस से जुड़े श्रमिक संगठन के एक व्यक्ति द्वारा वहां एक कारखाने में अशांति फैलाने की कोशिश की जा रही थी। लेकिन नर्सरी फतेहपुर कांग्रेस की तरफ से उसके खिलाफ पार्टी आधार पर कार्यवाई की गई। बल्कि उसको गिरफ्तार भी किया गया। इसके सिर्फ एक ही वजह है कि राज्य में औद्योगीकरण के रास्ते में कोई बाधा उत्पन्न न हो। उन्होंने कहा कि आसनसोल उद्योग स्थापित करने के लिए एक बेहद उपयुक्त स्थान है। यहां पर राष्ट्रीय राजमार्ग है, रेलवे की मुख्य लाइन है, अंडल एयरपोर्ट भी बन गया है इसके अलावा यहां पर पश्चिम बंगाल बिजली विभाग इंडिया पावर और डीवीसी लोगों को बिजली उपलब्ध कराते है। इस वजह से यहां पर पूरे पश्चिम बंगाल के मुकाबले आसनसोल में सबसे कम कीमत पर बिजली उपलब्ध होती है। यहां उद्योग लगाने के लिए काफी सुविधाएं है। मौके पर गौतम राय, पीपी भट्टाचार्या, सुबीर कुमार दास, कौशिक बिस्वास, सुदीप भट्टाचार्या, सुमित चक्रवर्ती, मृत्युंजय कुमार, डॉ. देबाशीष सरकार, किंसुक मुखर्जी, प्रसेनजित सेन मुख्य रूप से उपस्थित थे।