दुर्गापुर । पश्चिम बर्दवान जिला के चर्चित कोयला कारोबारी शेख अमीन हत्याकांड मामले में जेल में बंद विचाराधीन 8 कैदियों को बुधवार दुर्गापुर के एडीजे 2 के न्यायधीश प्रियव्रत दत्ता ने सभी गवाहों एवं सबूतों के मद्देनजर दोषी करार देते हुए उन्हें उम्र कैद की सजा सुनायी। इसके अलावा सभी को 10 हजार रुपया जुर्माना अदा करने का निर्देश दिया गया है। जुर्माना न देने पर तीन महीने अतिरिक्त सजा होगी। बुधवार बर्दवान जेल से दोषी करार आठों आरोपियों को कड़ी सुरक्षा के बीच दुर्गापुर महकमा अदालत लाया गया। सुरक्षा के मद्देनजर पूरे अदालत परिसर में व्यापक संख्या में पुलिस अधिकारी, जवान एवं कॉम्बैट फोर्स की तैनाती की गई थी। हत्यारों में लावदोहा के कैलाशपुर ग्राम निवासी सानिउल उर्फ सनाई, शेख साकिबुल, शेख कासिम, शेख नुरुल होदा उर्फ भूलन, शेख जहांगीर, शेख जानीउल, शेख शाहजहां एवं बाबर अली शामिल है। इनके खिलाफ लावदोहा थाने में 13 सितंबर वर्ष 2016 को शेख आमीन नामाक कोयला कारबारी को अंधाधुंध गोली फायरिंग कर उसकी हत्या कर देने का मामला दर्ज कराया गया था। शिकायत दर्ज होते ही पुलिस अपराधियों को गिरफ्तार कर रिमांड पर लेते हुए उन्हें जेल हिरासत भेज दिया था। तब से सभी अपराधी बर्दवान जेल में बंद थे. तकरीबन सात वर्षों के बाद अपराधियों को मंगलवार दोषी करारा दिया गया था। सरकारी अधिवक्ता देवव्रत साईं ने बताया कि आमीन हत्याकांड मामले को लेकर लंबे समय तक कानूनी दांवपेच के पश्चात करीब 57 गवाहों में 40 गवाहों के बयान दर्ज कर उनके बयान के आधार पर अपराध साबित हुए है। सूत्रों के अनुसार इलाके में अवैध कोयला कारोबार में वर्चस्व स्थापित करने को लेकर हुई थी। उक्त हत्याकांड में मृतक आमीन के बड़े बेटे ने प्राथिमिक दर्ज कराते हुए कुल 11 लोगों को अभियुक्त बनाया था। जिनमें 8 अपराधी जेल में बंद थे. बाकी तीन अपराधीयो में कोयला कारोबारी पार्थ चटर्जी, लोकेश सिंह एवं शेख साईफूल का नाम दर्ज था। तीनों अपराधियों का अपराध सिद्ध न होने पर उन्होंने कोलकाता हाई कोर्ट से जमानत ले लिया था। वहीं केश से बरी हो गए थे। पकड़े गए 8 अपराधीयो के पास से जांच के दौरान आठ बंदूक बरामद किया गया था। अधिवक्ता श्री साईं ने बताया कि 13 सितंबर वर्ष 2016 को मुस्लिम समुदाय के बकरीद के दिन शेख अमीन ईदगाह से नमाज पढ़कर जो बाहर निकले उसी दौरान अपराधियों ने उन पर अंधाधुंध गोलियां चला कर फरार हो गए थे।