कौन है मैडम? जिसे मिला है कोयला सिंडिकेट का दायित्व
आसनसोल । वाममोर्चा सरकार के शासनकाल से ही शिल्पांचल में कोयला तस्करी का खेल चालू है। बंगाल में वाम सरकार के जगह तृणमूल की सरकार आ गई लेकिन कोयला तस्करी का खेल बदस्तूर चालू रहा। इसका मुख्य कारण है की जो लोग कल वाम के करीबी थे आज वे सभी तृणमूल के करीबी हो गए, जिससे उन्होंने कोयला तस्करी करने में सत्ताधारी का साथ मिल जाये। लेकिन इसी बीच सीबीआई और ईडी के दबिश के कारन अवैध खनन कर कोयला तस्करी पर रोक लगा गई। इस कड़ी में अवैध बालू खनन में केंद्र और राज्य सरकार सख्ती के कारण उस पर अंकुश लग गया। कहावत है चोर चोरी से जाये लेकिन हेराफेरी से ना जाये… इस कथन को शिल्पांचल के कोयला तस्करों ने सच साबित कर दिया है। कोयला तस्करी करने के लिए अब कोयला तस्करों द्वारा डीओ का सहारा लिया गया है। कोयला व्यवसाय से जुड़े सूत्रों ने दावा किया है कि ईस्टर्न कोलफिल्ड्स लिमिटेड (ईसीएल) की विभिन्न कोलियरियों से ऑक्सन होनेवाले कोयले के डीओ से प्रति टन 600 रुपये गुंडा टैक्स की वसूली किया जाता है। सूत्र बताते हैं की इस कोयलांचल में नए सिरे से सिंडिकेट का संचालन करने के लिए पांच लोगों को दायित्व दिया गया है। जिसमे आसनसोल से तीन, जामुड़िया और श्रीपुर से एक लोग है। दावा किया जा रहा है कि इस सिंडिकेट को चलाने में झारखंड के धनबाद जिले के सफ़ेद पोश बालू माफियाओं द्वारा 100 करोड़ से अधिक की निवेश किया गया है। इसीएल से नीलामी होनेवाले कोयले के व्यवसाय डीओ (डिलीवरी ऑर्डर) को केंद्र कर पांडवेश्वर, लाउदोहा और रानीगंज के कुछ क्षेत्रों में कोयले का नया कारोबार शुरू किया। उसके बाद ही ईसीएल की खदानों से कानूनी कोयले के परिवहन पर डंडा टैक्स लगाकर वसूली शुरू की गई।
मीडियाकर्मियों को संभाले का दायित्व मैडम को
जानकार सूत्रों की माने तो नये सिंडिकटे सभी संबद्ध तबकों के बीच चढ़ावा जारी रखा है। पहले से ही सभी राजनीतिक पार्टियों के बड़े नेताओं, पुलिस अधिकारियों तथा मीडियाकर्मियों को चढ़ावा चढ़ता रहा है। हद तो यह है कि इनमें से कई को यह चढ़ावा बैंकिन सेवा के माघ्यम से होता है। यह चढ़ावा इसलिए भी दिया जाता है कि इसमें कोई बाधा नहीं आये। अब इस सिंडिकेट में मैडम का नाम सामने आ रहा है। दावा किया जा रहा है की मैडम को मीडियाकर्मियों को संभाले का दायित्व दिया गया है। सूत्र बताते है पहले पत्रकारों को ऑनलाइन रूपये देने को कहा गया लेकिन बाद में ऑफलाइन रूपये बांटे गए। इस बंदर-बांट में यूटूबर, वेब पोर्टल, प्रिंट मीडिया और टीवी मीडिया के अलग-अलग रेट तय किये गए। सूत्र का यह भी कहना है की पत्रकारों में सीनियर और जूनियर के हिसाब से भी रेट तय किये गए है। इसका खेल शिल्पांचल में मैडम के माध्यम से चालू हो गया है।
भाजपा सांसद ने की थी शिकायत
इस संबंध में भाजपा सांसद सह कोयला व इस्पात मंत्रालय की संसदीय स्थायी समिति के सदस्य सौमित्र खां ने इसकी शिकायत की थी। उन्होंने लिखित शिकायत की कि 600 रुपये प्रति टन गुंडा टैक्स वसूला जा रहा है। यह पुलिस और सत्तारूढ़ पार्टी के नेताओं के एक वर्ग के सीधे समर्थन से हो रहा है। उन्होंने कोयला मंत्रालय, केंद्रीय खुफिया एजेंसी को भी शिकायत भेजी। उनके साथ-साथ एक स्वयंसेवी संगठन ने नवंबर, 2022 में रानीगंज के राजू, पप्पू, दुर्गापुर के लोकेश, बख्तारनगर के जयदेव, बहुला के समशेर, नवग्राम के मजीरुल और बर्नपुर के जावेद के नामों का हवाला देते हुए प्रधानमंत्री के हस्तक्षेप की भी मांग की।
जामुड़िया के बीजपुर से हो रहा है खेल
पश्चिम बर्दवान, पूर्व बर्दवान, पुरुलिया, बांकुड़ा, झाड़ग्राम तथा दोनों मेदिनीपुर जिले कोयला तस्करी तथा बालू तस्करी के क्षेत्र है। इन क्षेत्रों के कोयला तस्करों तथा बालू तस्करों ने नये सिरे से सिंडिकेट बनाया। इसमें कोयला तथा बालू तस्कर दोनों शामिल हुए। इसमें कई वरीय पुलिस अधिकारियों तथा वरीय राजनेताओं की सहमति ली गई। इन दोनों तबकों का संरक्षण मिलने के बाद ईसीएल से ऑक्सन से बिकनेवाले कोयले पर प्रति टन 600 रुपये गुड़ा टैक्स लाद दिया गया। कोयला खरीदनेवाली सभी कंपनियों तथा उनके लिफ्टरों को फरमान जारी कर दिया गया कि या तो वे इस राशि का भुगतान करें, या फिर अपना व्यवसाय समेट लें। इस कारोबार का पूरा खेल जामुड़िया के एक प्रभावशाली व्यक्ति बीजपुर क्षेत्र से खेल रहा है। पुलिस और पत्रकार को मालूम होने के बाद भी मूकदर्शक है क्योंकि सभी को चढ़ावा मिल रहा है। अब देखना है की पुलिस कारवाई करती है की नहीं यह भविष्य के गर्भ में है।