बंगाल में हिंदी भाषियों के लिए पर मुख्य मंत्री ममता बनर्जी ने किया है चौतरफा विकास
जामुरिया/रानीगंज । पश्चिम बंगाल हिंदी प्रकोष्ठ के अध्यक्ष सह जोड़ासाकू के विधायक विवेक गुप्त सोमवार जामुरिया और रानीगंज में पंचायत चुनाव का प्रचार की। इस मौके पर पत्रकारों से बात करते हुए विवेक गुप्त ने कई महत्वपूर्ण बिंदुओं पर प्रकाश डाला। हिंदी प्रकोष्ठ के बारे में जानकारी देते हुए उन्होंने बताया कि हिंदी प्रकोष्ठ पश्चिम बंगाल में रहने वाले 2 करोड़ों हिंदी भाषी लोगों के लिए एक मंच की तरह है। उन्होंने कहा कि राज्य के मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने पश्चिम बंगाल के हिंदी भाषी लोग रहते हैं। उनकी समस्याओं से रूबरू हो और उनके समाधान के लिए उपाय पर विचार करें। उन्होंने कहा कि प्रकोष्ठ की वजह से ही आज पश्चिम बंगाल में हिंदी का विकास हुआ है। पश्चिम बंगाल में सौ नए हिंदी मीडियम स्कूल बने। आसनसोल में ही पहला हिंदी कॉलेज बना आज पूरे प्रदेश में 13 हिंदी कॉलेज है और 75 अन्य कॉलेज में हिंदी में पढ़ाई की जा सकती है। यहां तक हिंदी विश्वविद्यालय बनाया गया। इसके उपरांत हिंदी भाषी समाज में लड़कियों के लिए अलग स्कूल की मांग उठाई गई थी। इसके लिए मौजूदा स्कूल में समय को बदला गया और एक ही स्कूल में लड़के और लड़कियों के लिए अलग-अलग समय पर पठन-पाठन की व्यवस्था की गई । उन्होंने कहा कि बहुत जल्द 3000 हिंदी के शिक्षकों की नियुक्ति होगी। छठ पूजा में जहां बिहार में आधे दिन की छुट्टी दी जाती है वहां बंगाल में 2 दिनों की छुट्टी दी जाती है। उन्होंने कहा कि इन्हीं सब कारणों की वजह से पश्चिम बंगाल की हिंदी भाषा जनता ममता बनर्जी को बहुत प्यार करती है। जिसके परिणाम मतदान के समय देखा जा सकता है। वहीं पश्चिम बंगाल सिविल सर्विस परीक्षाओं में से हिंदी भाषा को हटाने के विषय पर विवेक गुप्त ने कहा कि यह एक ऐसा विषय है जिस पर अभी मंथन चल रहा है। उन्होंने कहा कि इस फैसले को लेने के पीछे कोई गलत मंशा नहीं थी कोशिश सिर्फ इतनी थी कि पश्चिम बंगाल के हर कोने में लोग बांग्ला भाषा को जाने इस भाषा से अवगत हो और यही वजह है के इस फैसले को लिया गया लेकिन उन्होंने आश्वासन दिया कि हो सकता है पंचायत चुनाव के बाद इस फैसले पर पुनर्विचार किया जाए क्योंकि इसके लिए हिंदी प्रकोष्ठ की तरफ से ममता बनर्जी से अनुरोध किया गया है। वहीं हाल ही में इसी मुद्दे पर भाजपा नेता जितेंद्र तिवारी द्वारा हिंदी के नाम पर राजनीति करने वाले लोगों पर कटाक्ष किया गया था। इसके जवाब में विवेक गुप्त ने कहा कि आज जितेंद्र तिवारी के पास कटाक्ष करने के अलावा और कोई काम नहीं बचा है। उन्होंने कहा कि तृणमूल कांग्रेस ने उनको सब कुछ दिया। लेकिन उन्होंने तृणमूल कांग्रेस ममता बनर्जी और यही वजह है कि आज उनको मीडिया में बने रहने के लिए कटाक्ष करना पड़ रहा है। दूसरी तरफ बांग्ला पोक्खो द्वारा हिंदी और हिंदी भाषियों का लगातार विरोध किए जाने के मुद्दे पर उन्होंने कहा कि यह ठीक वैसा ही है जैसे खिसियानी बिल्ली खंभा नोचे। उन्होंने साफ कहा कि हिंदी भाषी किसी का हक नहीं मार रहे हैं यहां सभी के लिए समान अधिकार हैं और अगर कोई यह सोचता है कि हिंदी भाषी बांग्ला और भाषियों का हक मार रहे हैं, तो गलत है। उन्होंने साफ कहा कि जब तक बांग्ला पक्खो को तृणमूल कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व अभिषेक बनर्जी का समर्थन प्राप्त नहीं है। उनको चिंता करने की आवश्यकता नहीं है।।