कृष्णा प्रसाद भाजपा नेता नहीं विशिष्ट समाजसेवी सह सक्रिय समर्थक है – शंकर चौधरी
आसनसोल। शिल्पांचल के विशिष्ट समाजसेवी, व्यवसायी सह बहुप्रतिभावान कृष्णा प्रसाद चर्चा के सुर्खियों में छाए हुए है। उनकी एक तस्वीर सोशल मीडिया में वायरल हो रही है। इसे लेकर राजनीति क्षेत्र में चर्चा का विषय हो गया। भाजपा के एक गुट के नेता उनको भाजपा का कुछ नहीं मान रहे है। वहीं भाजपा के एक गुट उनको भाजपा के सक्रिय समर्थक मान रहे है। रविवार जीटी रोड स्थित भाजपा कार्यालय में भाजपा ओबीसी मोर्चा के केंद्रीय कमेटी के सदस्य शंकर चौधरी ने पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहा कि पूरे पश्चिम बंगाल में पंचायत चुनाव के दौरान जो कुछ हुआ। उसे लोकतंत्र की हत्या कहा जा सकता है। उन्होंने कहा कि पूरे पश्चिम बंगाल में मतदान के दिन तकरीबन 30 लोगों की हत्या की गई। यह बड़े अफसोस की बात है कि पश्चिम बंगाल में बिना हत्या और हिंसा के चुनाव नहीं होते है। उन्होंने कहा कि अन्य किसी भी राज्य में इस तरह का आतंक नहीं होता है जो चुनाव के दौरान पश्चिम बंगाल में होता है। लेकिन पश्चिम बंगाल में किसी भी चुनाव के दौरान जिस तरह देखा जाता है। वह भारत के किसी अन्य राज्य में नहीं होती है। इसके बाद जब नतीजे आएंगे उसके बाद भी कोई निश्चितता नहीं है कि हिंसा नहीं होगी। उन्होंने पश्चिम बंगाल की जनता से वर्तमान राज्य सरकार को उखाड़ फेंकने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि वर्तमान टीएमसी सरकार नाकारा है जो कानून व्यवस्था को बनाए नहीं रख पा रही है। वहीं कृष्णा प्रसाद के मुद्दे पर शंकर चौधरी ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी का समर्थक तो कोई भी हो सकता है। कृष्णा प्रसाद विशिष्ट समाजसेवी है। इसमें कोई संदेह नहीं, शिल्पांचल के सभी लोग भालीभांत जानते है। वह अभी किसी पद पर नहीं है, इसलिए उन्हें अभी भारतीय जनता पार्टी का नेता नहीं कहा जा सकता है। उन्होंने स्वीकार किया कि जिस तरह से कृष्णा प्रसाद ने संगठन के लिए काम किया है, पंचायत चुनाव में भाजपा के 250 से ज्यादा उम्मीदवारों को आर्थिक रूप से योगदान दिया है। उसे देखते हुए यह कहा जा सकता है कि वह एक भाजपा के एक सक्रिय कार्यकर्ता हैं। लेकिन उनको अभी भाजपा नेता नहीं कहा जा सकता क्योंकि वह किसी पद पर नहीं है। उन्होंने कहा कि संघ परिवार के लगभग सभी नेता उनके साथ है।