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आज से शुरू हो रहा मलमास, जरूर करें 4 काम, अधिक मास के कारण रक्षाबंधन में 46 दिनों का अंतर

दिल्ली । सनातन धर्म में मलमास का विशेष महत्व है. इस बार सावन के महीने में अधिक मास पड़ रहा है. जिसकी शुरुआत आज यानी 18 जुलाई 2023 से हो चुकी है और इसका समापन 16 अगस्त 2023 को होगा. मलमास में भगवान विष्णु योग निद्रा में होने के बावजूद अपने भक्तों को शुभता का आशीर्वाद प्रदान करते हैं. हर 19वें साल सावन के महीने में अधिक मास बनता है और हर तीसरे साल किसी न किसी माह में अधिक मास बनता है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस दौरान कोई भी शुभ और मांगलिक कार्य करना वर्जित माना जाता है. पर इस दौरान कई ऐसे कार्य हैं जिन्हें मलमास में करना बहुत जरूरी है. इस विषय में अधिक जानकारी दे रहे हैं आसनसोल निवासी  निरंजन पंडित

कब से शुरू होगा मलमास – हिंदू पंचाग के अनुसार इस वर्ष 18 जुलाई से अधिक मास की शुरुआत हो रही जिसका समापन 16 अगस्त 2023 को रहा है. इस बार सावन के महीने में अधिक मास लग रहा है जिसके कारण रक्षाबंधन कुछ समय बाद मनाया जाएगा. सामान्यत: रक्षाबंधन सावन शिवरात्रि के 15 दिन बाद मनाया जाता है परंतु मलमास लगने के कारण सावन शिवरात्रि और रक्षाबंधन में 46 दिनों का अंतर आ रहा है.

अधिकमास में करें ये कार्य

1. भगवान सत्यनारायण की पूजा – मलमास पूरी तरह से श्रीहरि विष्णु को समर्पित किया गया है. इस दौरान भगवान विष्णु की पूजा करना सर्वश्रेष्ठ माना जाता है. मलमास या अधिकमास में कोई भी शुभ या मांगलिक कार्य नहीं किए जाते. परंतु इस माह में भगवान सत्यनारायण की पूजा सर्वोत्तम फलदायी मानी जाती है. पुरषोत्तम मास में भगवान विष्णु की पूजा करने से देवी लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं. इसके अलावा हमें सुख समृद्धि का आशीर्वाद प्रदान करती हैं.

2. करें महामृत्युंजय मंत्र का जाप – अधिकमास में पूरे 30 दिनों तक महामृत्युंजय मंत्र का जाप करना शुभ होता है. इसके जाप से ग्रह दोष दूर होने लगते हैं. इसके लिए किसी जानकार से विधिवद संकल्प लेकर महामृत्युंजय मंत्र का जाप करवाना चाहिए. इस माह में महामृत्युंजय मंत्र के जाप से कई तरह के ग्रह दोष समाप्त हो सकते हैं. इसके अलावा आपके घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार बढ़ जाता है.

3. करें यज्ञ और अनुष्ठान – यदि आपकी कोई मनोकामना अधूरी है और उसे पूरी करना चाहते हैं तो मलमास इसके लिए सर्वोत्तम माना जाता है. इस माह में किए जाने वाले यज्ञ और अनुष्ठान पूरी तरह से फलित होते हैं. इसके लिए आप किसी जानकार से सलाह अवश्य लें.

4. करें ब्रज भूमि की यात्रा – धर्मिक ग्रंथों के अनुसार मलमास पूरी तरह से भगवान विष्णु को समर्पित किया गया है. इस मास में श्रीहरि विष्णु के सभी अवतारों की पूजा करना सर्वश्रेष्ठ माना जाता है. इस माह का शुभ फल पाने के लिए भक्तगण अधिकमास के पूरे 30 दिन ब्रज क्षेत्र की यात्रा पर निकल जाते हैं.

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