मुंशी प्रेमचंद की जयंती और पुस्तकालय का उदघाटन 31 को
आसनसोल। आसनसोल उषाग्राम स्थित हिंदी भवन में गुरुवार हिंदी अकादमी की ओर मुंशी प्रेमचंद जयंती को सफल करने को लेकर बैठक का आयोजन किया गया। बैठक में हिंदी अकादमी के वाइस चेयरमैन दिव्येंदु भगत, सचिव भोला कुमार हेला, केके श्रीवास्तव, दिनेश पांडेय सहित हिंदी अकादमी से जुड़े लगभग सभी पदाधिकारी उपस्थित थे। मौके पर 31 जुलाई को प्रेमचंद जयंती को मनाने को लेकर विचार-विमर्श किया गया। इस संदर्भ में सचिव भोला कुमार हेला ने कहा कि बैठक में मुंशी प्रेमचंद की जयंती मनाने को लेकर विचार-विमर्श हुआ। उन्होंने कहा कि हिंदी अकादमी की तरफ से हिंदी भवन में बने कार्यालय में इस बैठक में फैसला लिया गया कि हिंदी भवन में स्थित पुस्तकालय का नाम मुंशी प्रेमचंद के नाम पर रखा जाएगा और 31 जुलाई मुंशी प्रेमचंद की जयंती के दिन इसका आधिकारिक उदघाटन होगा। इस समय छोटे आकार में है। लेकिन उनकी इच्छा है कि यह पुस्तकालय हिंदी भाषी विद्यार्थी परीक्षाओं की तैयारी नि:शुल्क कर सकें। उनका कहना था कि जब उन्होंने माध्यमिक की परीक्षा दी थी। तब उनको पता चला था कि हिंदी भाषी विद्यार्थियों के लिए कितनी परेशानी होती है। भोला कुमार हेला ने कहा कि राज्य के मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने जबसे प्रदेश की बागडोर संभाली है। उन्होंने हिंदी भाषियों के लिए काफी कुछ किया है। आज परीक्षा में प्रश्न पत्र हिंदी में दिए जा रहे हैं, जिससे हिंदी भाषियों को काफी सहूलियत हो रही है। पहले ऐसा नहीं था पहले बीएड जैसी परीक्षा में प्रश्न पत्र या तो बांग्ला या इंग्लिश में आते थे, जिसे हिंदी भाषियों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता था। लेकिन राज्य के मुख्यमंत्री के शासनकाल में इसमें परिवर्तन लाया गया है। वहीं छठ पूजा में दो दिवसीय छुट्टी दी जा रही है। इस सब से एक बात उभरकर सामने आती है कि राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी हिंदी भाषियों के साथ है। हालांकि जब उनसे पूछा गया कि हाल ही में राज्य सरकार द्वारा पश्चिम बंगाल सिविल सर्विस परीक्षा हिंदी को हटा दिया गया है। इस पर उन्होंने कहा कि जरूर इस फैसले पर ज्ञान मंथन की आवश्यकता है और उनको पूरा विश्वास है कि मुख्यमंत्री सहित शिक्षा विभाग के सभी उच्च पदस्थ पदाधिकारी इस फैसले पर पुनर्विचार करेंगे। क्योंकि राज्य की मुख्यमंत्री हिंदी भाषियों को कभी वंचित नहीं कर सकती है।