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शुभ्रा दे उप-निरीक्षण रेलवे सुरक्षा बल ने पहला मंडल गौरव पुरस्कार 2023 जीता

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आसनसोल । पूर्व रेलवे, आसनसोल मंडल के कर्मचारियों द्वारा क्षेत्र स्तर पर किए जा रहे उत्कृष्ट कार्यों के मान्यतास्वरूप और पहचान देने हेतु यह निर्णय लिया गया है कि हर महीने “मंडल गौरव पुरस्कार” प्रदान किया जाएगा। सितंबर,2023 माह के लिए शुभ्रा दे, महिला उप-निरीक्षक, रेलवे सुरक्षा बल आसनसोल (पश्चिम) को मंडल गौरव समिति द्वारा प्रथम मंडल गौरव पुरस्कार के लिए चयनित किया गया है, जो चेतना नंद सिंह, मंडल रेल प्रबंधक आसनसोल द्वारा मंगलवारप्रदान किया गया। सुभ्रा दे, उप निरीक्षक वर्तमान में आरपीएफ आसनसोल (पश्चिम) पोस्ट पर तैनात हैं। वर्ष 1999 में रेलवे सुरक्षा बल में कांस्टेबल के रूप में उनकी नियुक्ति के बाद से ही उन्हें एक मेहनती, समर्पित, ईमानदार और सक्रिय कर्मचारी के रूप में जाना जाता है। शुभ्रा दे ने दिसंबर,2022 में आसनसोल स्टेशन पर बांग्लादेशी मानव तस्करी रैकेट का भंडाफोड़ किया था। कृष्णा नगर में जन्मी शुभ्रा दे जब स्टेशन के संयुक्त निरीक्षण पर थीं, तो उन्हें दूसरी श्रेणी प्रतीक्षालय के बाहर 06 युवतियां भयभीत अवस्था में मिली। जब वह आगे की जांच के लिए उनके पास पहुंची, तो उनकी पोशाक और बोलचाल से पता चला कि वे बांग्लादेश के चट्टोग्राम प्रांत की निवासी थी। उनकी भाषा में अंतर होने के बावजूद शुभ्रा ने अपनी सूझबूझ का परिचय दिया और उन सभी लड़कियों को बचाकर एक नया जीवन प्रदान किया, जिन्हें अच्छे जीवन का झूठा वादा करके तस्करों द्वारा दिल्ली ले जाया जा रहा था। इसकी मीडिया और पुलिस पदाधिकारियों ने भी खूब सराहना की। उपर्युक्त घटना के लिए कलकत्ता विश्वविद्यालय से स्नातक शुभ्रा दे को जल्द ही वर्ष 2023 के प्रतिष्ठित भारतीय पुलिस पदक से सम्मानित किया जाएगा। उन्होंने वर्ष 2022 के दौरान क्रमशः ऑपरेशन नन्हे फरिश्ते और ऑपरेशन डिग्निटी के तहत 23 बच्चों और 04 महिलाओं को भी बचाया थ। सुभ्रा दे ने महिलाओं के लिए आरक्षित कोचों में पुरुष यात्रियों द्वारा अनधिकृत यात्रा के खिलाफ अभियान चलाया, जिसके परिणामस्वरूप वर्ष 2022 में रेलवे अधिनियम की धारा 162 के अंतर्गत 1999 लोगों को गिरफ्तार किया गया और ‘रेल मदद’ पर शिकायतें कम हुई है। वह ‘मेरी सहेली’ के कामकाज में मंडल की महिला आरपीएफ कर्मियों विशेषकर आसनसोल पोस्ट पर तैनात कर्मियों का मार्गदर्शन भी करती रही हैं। शुभ्रा डे ने अपना पूरा जीवन आरपीएफ को समर्पित कर दिया है। शुभ्रा एक आदर्श रेलकर्मी हैं, जो रेलवे में अपना सब कुछ अर्पित कर देती हैं और इस पुरस्कार की प्रथम विजेता के रूप में वह न केवल एक आदर्श स्थापित करेंगी, बल्कि अपने जैसी महिलाओं को प्रेरित भी करेंगी।
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