आसनसोल । विश्व रक्तदाता दिवस हर वर्ष 14 जून को मनाया जाता है, इसे विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने घोषित किया है। उक्त बातें रक्तदान आंदोलन के प्रणेता प्रबीर धर ने कही। उन्होंने कहा कि यह दिन उन सभी रक्तदाताओं के सम्मान में समर्पित होता है, जो बिना किसी स्वार्थ के दूसरों की जान बचाने के लिए रक्तदान करते हैं। डब्ल्यूएचओ के साथ इंटरनेशनल फेडरेशन ऑफ ब्लड डोनर ऑर्गनाइजेशन और इंटरनेशनल सोसाइटी ऑफ ब्लड ट्रांसफ्यूजन ने मिलकर 14 जून को रक्तदाता दिवस मनाया था। उन्होंने कहा कि प्रत्येक वर्ष 28 मई को बीएसडब्लूसीवीबीडी के स्थापना दिवस पर जो क्लब, समाजसेवी संगठन, एनजीओ, स्कूल – कॉलेज, थाना पुलिस रक्तदान शिविर लगाते हैं, उन सभी को डॉ. कार्ल लैंडस्टीनर अवॉर्ड से सम्मानित किया जाता है। इस विशेष दिन पर प्रबीर धर ने कहा कि सभी लोगों को रक्तदान करना चाहिए, रक्तदान के लिए दूसरे को प्रेरित करना चाहिए। रक्तदान की जागरूकता को जन जन तक पहुंचाना चाहिए। उन्होंने कहा कि 14 जून को डॉ. कार्ल लैंडस्टीनर का जन्मदिन है और ऐसा कहते हैं कि यह दिन डॉ. कार्ल लैंडस्टीनर को समर्पित है, क्योंकि उन्होंने ही ब्लड ग्रुप सिस्टम (ए, बी, एबी, ओ) की खोज की थी, जो रक्तदान और एक से दूसरे व्यक्ति में रक्त चढ़ाने के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण योगदान है। उनके इस योगदान के लिए 1930 में कार्ल लैंडस्टीनर को नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।
डब्ल्यूएचओ के अनुसार, इस साल इसकी थीम ‘रक्त दें, उम्मीद दें, साथ मिलकर जीवन बचाएं’ है। इस साल की थीम इस बात पर जोर देती है कि कैसे आपका एक कदम किसी के जीवन पर प्रभाव डाल सकता है। हर दान उन मरीजों के लिए आशा लेकर आता है जो जानलेवा बीमारियों से जूझ रहे हैं, सर्जरी करवा रहे हैं या रोगों से लड़ रहे हैं।