अमृत भारत योजना के तहत देवघर रेलवे स्टेशन पर पुनर्विकास कार्य जोरों पर
1 min readकोलकाता । परिवर्तनकारी अमृत भारत स्टेशन योजना के एक कड़ी के रूप में, देवघर रेलवे स्टेशन का पुनर्विकास और आधुनिकीकरण प्रभावशाली गति से आगे बढ़ रहा है। यात्री अनुभव और समग्र बुनियादी ढांचे को बढ़ाने के उद्देश्य से यह योजना भारतीय रेलवे नेटवर्क में 1275 स्टेशनों के व्यापक उन्नयन पर केंद्रित है। चल रहे परियोजना के पहले चरण की मुख्य विशेषताएं इस प्रकार हैं:-
पहले चरण के कार्य की कुल लागत: ₹18 करोड़ भौतिक प्रगति: 30% वित्तीय प्रगति: 18%
वाणिज्यिक विकास की रणनीति:
अमृत भारत योजना के उद्देश्यों के अनुरूप, देवघर रेलवे स्टेशन वाणिज्यिक विकास का साक्षी बनने के लिए तैयार है, जो स्टेशन भवनों, कॉनकोर्स, प्लेटफार्मों और परिसंचरण क्षेत्र सहित 3908 वर्गमीटर में फैला हुआ है। अनुमानित राजस्व क्षमता ₹144.4 लाख प्रति वर्ष है। उन्नत स्टेशन सुविधाएं:
देवघर में पुनर्विकास कार्य में स्टेशन पहुँच, परिसंचरण क्षेत्र, प्रतीक्षालय, शौचालय, लिफ्ट/एस्केलेटर, सफाई, मुफ्त वाई-फाई में सुधार और ‘एक स्टेशन एक उत्पाद’ जैसी पहल के माध्यम से स्थानीय उत्पाद कियोस्क की शुरूआत शामिल है। समग्र दृष्टिकोण में कार्यकारी लाउंज, व्यावसायिक बैठकों के लिए निर्दिष्ट स्थान, भू-निर्माण और बेहतर यात्री सूचना प्रणाली जैसी सुविधाएँ भी शामिल हैं। शहर का एकीकरण और स्थिरीकरण: यह योजना शहर के दोनों ओर स्टेशन के एकीकरण, मल्टीमॉडल कनेक्टिविटी और दिव्यांगजनों के लिए सुविधाओं, और दीर्घकालिक पर्यावरण-अनुकूल समाधानों पर जोर देती है। यह दीर्घकाल से स्टेशनों पर सिटी सेंटर के निर्माण की कल्पना कर रही है।
भविष्य के चरण:
चल रहे चरण में एक नए स्टेशन भवन का निर्माण, यातायात परिसंचरण में सुधार, परिसंचरण क्षेत्रों का सौंदर्यीकरण, और अग्र एवं आंतरिक हिस्सों में वृद्धि शामिल है। भविष्य की योजनाओं में एस्केलेटर, एक चौड़े ऊपरी पैदल पुल (एफओबी) और अतिरिक्त सुविधाओं का प्रावधान शामिल है।
पूर्व रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी, कौशिक मित्रा ने कहा, “देवघर, जिसे बैद्यनाथ धाम के नाम से भी जाना जाता है, का पुनर्विकास कार्य ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व के अनुरूप है, जो इसे एक महत्वपूर्ण तीर्थ स्थल बनाता है। इस परियोजना के द्वारा विश्व स्तरीय सुविधाएं प्रदान करके एवं यात्रियों के लिए समग्र यात्रा अनुभव को बेहतर बनाकर सरकार की प्रतिबद्धता को प्रमाणित करता है।”