कोलकाता । तृणमूल नेता और राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी चुनाव से पहले केंद्रीय एजेंसियों द्वारा तृणमूल को परेशान करने की शिकायत कर रही हैं। भूपतिनगर में शनिवार को एनआईए की छापेमारी के 24 घंटे के अंदर ही तृणमूल प्रवक्ता कुणाल घोष ने अपने लगाए आरोपों पर सफाई दी। ममता ने कहा, ”बीजेपी नेता जितेंद्र तिवारी ने एनआईए एसपी के साथ बैठक की। हमने उनकी शिकायत भेज दी है।” ममता ने सवाल किया, ”क्या बीजेपी नेता कहेंगे, आयकर विभाग उनके घर की तलाशी ले, उनके घर ईडी भेजे? अगर नहीं मानना है तो 24 घंटे के अंदर सीसीटीवी फुटेज फैला दें। दूसरी ओर, भाजपा नेता ने दावा किया कि अगर तृणमूल यह साबित कर दे कि उसने ऐसी कोई बैठक की है, तो वह राजनीतिक क्षेत्र से हट जायेग। वहीं इस पूरे घटनाक्रम में बीजेपी जितेंद्र के साथ है। उनका दावा है कि दबाव में आकर तृणमूल एनआईए की छापेमारी को ‘राजनीतिक साजिश’ बताने की कोशिश कर रही है। इसलिए तृणमूल एनआईए पर भूपतिनगर में छेड़छाड़ का आरोप लगा रही है।
एनआईए ने शनिवार को 2022 भूपतिनगर विस्फोट मामले में दो तृणमूल नेताओं को गिरफ्तार किया। अदालत ने उन्हें पांच दिन की हिरासत में रखने का आदेश दिया। तृणमूल की शिकायत थी कि यह हमला बीजेपी से बातचीत के बाद तय किया गया था। चुनाव से पहले किन तृणमूल नेताओं को गिरफ्तार किया जाए, इसे लेकर बीजेपी केंद्रीय एजेंसियों के साथ बैठक कर रही है। ऐसी ही एक घटना 26 मार्च को घटी। कुणाल ने दावा किया कि उस दिन बीजेपी नेता जीतेंद्र तिवारी ने एनआईए एसपी धनराम सिंह के घर पर एक घंटे तक बैठक की थी। जितेंद्र ने धनराम को एक सफेद पैकेट दिया। तृणमूल को शक है कि उस पैकेट में पैसे थे। तृणमूल ने पुलिस जांच की मांग की। इसके अलावा वे चुनाव आयोग से भी संपर्क कर रहे हैं। पार्टी सूत्रों के मुताबिक, वह सुप्रीम कोर्ट भी जा रही है। हालांकि, जितेंद्र ने इस आरोप से इनकार किया है। उन्होंने जवाबी मानहानी के मुकदमे की चेतावनी दी। बीजेपी नेता ने कहा, ‘हमारे देश के कानून के मुताबिक, उन्हें (तृणमूल को) मेरे खिलाफ आरोप साबित करना चाहिए।’ यदि आप इसे साबित नहीं कर सके तो क्षमा करें। नहीं तो सात दिन के अंदर मानहानी का केस करूंगा।
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