भारत को विश्व गुरु बनने की ओर अग्रसर करें – सुरेन जालान
आसनसोल । आज के इस युग में सीमित परिवार नियंत्रण संख्या के बहुत से साधन है। भारत के विकास के लिए एवं अपने परिवार के विकास के लिए जनसंख्या नियंत्रण एवं राष्ट्रहित एवं परिवार हित के लिए अनेकों साधन है। उक्त बातें राष्ट्र प्रेमी सुरेन जालान ने कही। उन्होंने कहा कि 1970 दशक के पहले जो भी बच्चे जन्म लेते थे। उस समय संसाधन की कमी एवं पारिवारिक वातावरण में सामाजिकता सस्ते में सुलभ थी। सन 1971 के बाद हमारे भारत देश में घुसपैठियों का शिक्षा एवं समाज का तुष्टिकरण धार्मिक एवं राजनीतिक लाभ के लिए हो रहा है। जिसका भुगतान पाकिस्तान, श्रीलंका एवं हमारे सभी पड़ोसी देश एवं वर्तमान में मालदीव देश का हुआ है। उन्हें देश एवं जनता के विकास से कोई मतलब नहीं है। इन सभी अगल-बगल के पड़ोसी देशों से ही सीखकर सबका साथ सबका विकास का आह्वाहन किया जा रहा है।किंतु दुःख की बात है। इंडिया महागठबंधन के कुछ प्रमुख दल जाति विशेष का एवं संविधान को छीने जाने का भय दिखाकर जो पूर्व में भी पहले किया गया था एवं वर्तमान समय में ओर अत्यधिक किया जा रहा है।इनके द्वारा अस्थिर सरकार बनाने का प्रयोग किया जा रहा है। यह हमारे देश को तीसरी महाशक्ति बनने में रोड़ा उत्पन्न कर रहे हैं। यह सभी बातें देशहित एवं संविधान हित को ध्यान में रखकर कही गयी है। उन्होंने कहा कि अपनी आध्यात्मिक शक्ति, गौरवपूर्ण संस्कृति-संस्कारों से ओतप्रोत अद्भुत सामर्थ्य, वैश्विक शांति और सौहार्द के लिए वसुधैव कुटुम्बकम के भारतीय दर्शन और मानव कल्याण की प्रेरणा देने वाले सनातन धर्म के कारण ही भारत विश्वगुरु की प्रतिष्ठा को प्राप्त करेगा। वेदों का सार है विश्व-कल्याण। आज इस विचार को सारा विश्व मान रहा है।