पूरे भारत में 11 लाख लोग हर साल प्रदूषण के कारण मौत के शिकार होते – कौशिक सान्याल
टाटा पावर रिन्यूएवल की तरफ से सिंपोजियम का किया गया आयोजन
बर्दवान । पूर्व बर्दवान जिला के कालना रोड स्थित बर्दवान भवन में शुक्रवार टाटा पावर रिन्यूएवल की तरफ से एक सिंपोजियम का आयोजन किया गया। इसमें इस क्षेत्र के अनेकों राइस मिल अन्य औद्योगिक संस्थान तथा कुछ व्यक्तिगत उपभोक्ता शामिल हुए थे। मौके पर इस संस्थान के नेशनल हेड कौशिक सान्याल ने पत्रकारों को बताया कि टाटा पावर की तरफ से सोलर एनर्जी या सौर ऊर्जा पर विशेष जोर दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि टाटा पावर की तरफ से इस जिला में सौर ऊर्जा को बढ़ावा देने की कोशिश की जा रही है। उन्होंने कहा कि बर्दवान कई राइस मिल है जो पूरे विश्व में उच्च कोटी के चावल उपलब्ध कराती हैं। टाटा पावर की कोशिश है कि इन राइस मिलों को सौर ऊर्जा से चलाया जाए। ताकि कीमत के हिसाब से यह और लाभान्वित हो। उन्होंने कहा कि टाटा पावर की तरफ से उपभोक्ताओं को तमाम तरह के डिस्काउंट दिए जाते हैं। रिहायशी इलाकों में अगर कोई टाटा पावर का सोलर पैनल लगता है तो उसको काफी डिस्काउंट दिया जाता है। 1 लाख के अंदर ही 3 किलोवाट का सोलर पैनल लग जाएगा। उन्होंने कहा कि उसके बाद उसे घर में बिजली की उपलब्धता पूरी तरह से नि:शुल्क होगी और अगर देखा जाए तो बिजली का खर्च इतना बच जाएगा की 3 साल के अंदर उनका पैसा वापस हो जाएगा। वहीं उन्होंने कहा कि जो औद्योगिक संस्थान है। वह भी अगर सोलर पैनल लगते हैं तो हर यूनिट पर उनको तकरीबन सात रुपए से ज्यादा की बचत होगी। कौशिक सान्याल ने बताया कि यहां पर उनके कई चैनल पार्टनर हैं, जिनके जरिए वह सोलर पैनल के इस अभियान को और आगे ले जाना चाहते हैं। उन्होंने बताया कि टाटा पावर की तरफ से जो सोलर पैनल उपलब्ध कराए जाते हैं। उन पर 25 साल की गारंटी होती है। लेकिन उसके बाद भी 5 से 10 साल यह काम करते हैं। उन्होंने बताया कि टाटा पावर की तरफ से ही तमिलनाडु और बेंगलुरु में सोलर पैनल बनाए जाते हैं। उन्होंने कहा कि टाटा का उद्देश्य सिर्फ अपने बनाए हुए सोलर पैनल बेचना नहीं है। वह चाहते हैं कि बंगाल में कमर्शियल हो या रेजिडेंशियल सभी लोग सोलर पावर या सौर ऊर्जा का उपयोग करें। ताकि प्रदूषण को कम किया जा सके। उन्होंने कहा कि आज पूरे भारत में 11 लाख लोग हर साल प्रदूषण के कारण मौत के शिकार होते हैं। अगर ज्यादा से ज्यादा प्राकृतिक संसाधनों का उपयोग किया जाए तो इस पर लगाम लगाई जा सकती है। उन्होंने कहा कि वह चाहते हैं कि हर कारखाना कोल्ड स्टोरेज, राइस मिल से लेकर स्कूल कॉलेज अन्य संस्थानों में भी सोलर पावर का इस्तेमाल किया जाए।