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स्मरणोत्सव में तीन हत्याएं, एथोरा में गठबंधन पर संदेह

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सालानपुर । पश्चिम बर्दवान के सालानपुर के एथोरा गांव में जब भी चुनाव होता है तो वहां के निवासियों के चेहरे पर 5 जुलाई 1969 की घटना याद आ जाती है। मालूम हो कि साढ़े पांच दशक पहले उस दिन दोपहर को हाई स्कूल मैदान में विद्यार्थी परिषद की स्टाफ मीटिंग चल रही थी। अचानक हथियारबंद एक समूह ने वहां हमला कर दिया। कई स्थानीय बुजुर्गों ने आरोप लगाया कि हमले का नेतृत्व कुछ स्थानीय सीपीएम समर्थकों ने किया था। बदमाशों द्वारा चाकू मारे जाने से छात्र परिषद नेता भवानीप्रसाद शर्मा की मौके पर ही मौत हो गई। इलाके में सीपीएम कार्यकर्ता के रूप में जाने जाने वाले पल्टा एथोरा हाई स्कूल के पूर्व शिक्षक ब्रजेंद्रनाथ तापदार की कथित तौर पर पीट-पीटकर हत्या कर दी गई। फिर भी बवाल नहीं रुका। गांव के कांग्रेस कार्यकर्ता माने जाने वाले इथोरा हाई स्कूल के हेडमास्टर सत्येन्द्रनाथ सिंह के आवास पर हमला किया गया। परिवार के सामने हेड टीचर की हत्या कर दी गई। कुछ ही घंटों में तीन हत्याओं से गांव रक्तरंजित हो गया। भवानीप्रसाद के भाई आनंदगोपाल शर्मा अभी भी गाँव में रहते हैं। उन्होंने कहा, ”मैं उस दुखद घटना को नहीं भूल सकता। हमले को रोकने के प्रयास में भाई की मौत हो गयी। सत्येन्द्रनाथ के बेटे सोमनाथ सिंह ने कहा, ”मेरी आंखों के सामने पिताजी की हत्या कर दी गयी। बदमाशों की वो खुशी मैं आज भी नहीं भूला हूं।”दोनों पार्टियों के समर्थक गांव में आकर वामपंथी उम्मीदवार के समर्थन में वोट मांग रहे हैं। देबाशीष चट्टोपाध्याय अपने दोस्त को बचाने के लिए दौड़े लेकिन उसे बचा नहीं सके। उन्होंने कहा, ”मैं कांग्रेस का कट्टर समर्थक हूं। लेकिन गांव की उस घटना को याद करते हुए मैं सीपीएम को वोट नहीं दे सकता।” गांव के वरिष्ठ निवासी शंकरीप्रसाद शर्मा ने भी कहा, ”मैं कांग्रेस के आदर्शों में विश्वास करता हूं। लेकिन अब मैं सीपीएम का समर्थन नहीं कर सकता।’ इलाके के बुजुर्गों ने बताया कि घटना की खबर पाकर विद्यार्थी परिषद के तत्कालीन जिला नेता सुरेंद्र सिंह अहलूवालिया गांव आये थे। उन्होंने दिन-पर-दिन गांव के अपने साथियों को प्रोत्साहित किया। इस बार वह आसनसोल से बीजेपी के उम्मीदवार हैं। इस संबंध में सुरेंद्र ने कहा, ”मैं आज भी उस नृशंस हत्या को नहीं भूला हूं, जो लोग याद रखेंगे वे कभी भी सीपीएम का समर्थन नहीं करेंगे। हालांकि, कांग्रेस और सीपीएम नेता 55 साल पहले की घटनाओं को याद नहीं करना चाहते। कांग्रेस के जिला अध्यक्ष देवेश चक्रवर्ती ने कहा, ‘बीजेपी इस वक्त देश की सबसे बड़ी दुश्मन है। सबसे पहले दुश्मन को भूलना होगा।
 
 
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