कोलकाता । तृणमूल कांग्रेस ने चुनाव आयोग से अपील कर केंद्र से लोकसभा चुनाव के पहले दो चरणों में मिले वोटों के प्रतिशत का ब्योरा मांगा है। तृणमूल ने यह दावा मुख्य रूप से पहले दो चरणों के मतदान के दिनों के अंत में प्राप्त आंकड़ों और अंतिम मतदान प्रतिशत के बीच भारी अंतर के कारण किया। आयोग ने आमतौर पर मतदान के दिन देर रात या अगले दिन प्राप्त वोटों के अंतिम आंकड़े प्रकाशित किए हैं। लेकिन इस बार पहले चरण के मतदान के 12 दिन बाद और दूसरे चरण के मतदान के चार दिन बाद 30 अप्रैल को चुनाव आयोग ने एक बयान में कहा कि दोनों चरणों में लगभग 66 फीसदी वोट पड़े हैं, जो दिन के अंत में प्राप्त मतदान के आंकड़ों से लगभग 6 प्रतिशत अधिक है। स्वाभाविक रूप से, दोनों आंकड़ों के बीच इतना बड़ा अंतर विपक्ष के बीच संदेह पैदा करता है। आयोग की विश्वसनीयता पर भी सवाल उठाया गया है। विपक्षी दलों का दावा है कि ईकेई ईवीएम को लेकर लोगों के मन में संदेह है। हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि अगर चुनाव में दूसरे या तीसरे नंबर पर रहने वाले उम्मीदवार को संदेह है तो वह पुनर्मूल्यांकन की मांग कर सकता है। आमतौर पर देश के 543 केंद्रों के नतीजे देशवासियों को रात में ही पता चल जाते हैं, जब सुबह गिनती शुरू होती है। सीपीएम, तृणमूल कांग्रेस जैसी पार्टियों ने सवाल उठाया है कि पहले चरण की 102 सीटों और दूसरे चरण की 89 सीटों पर पड़े वोटों का प्रतिशत बताने में इतना समय क्यों लगा। आज तृणमूल के राज्यसभा सांसद डेरेक ओ ब्रायन ने कहा, ”आयोग से स्पष्टीकरण मांगा गया है कि इसमें इतना समय क्यों लगा। तृणमूल नेतृत्व ने प्रत्येक मतदान केंद्र पर कितने उम्मीदवार थे, मतदाताओं की कुल संख्या, ईवीएम द्वारा डाले गए वोटों की संख्या का विवरण भी मांगा है।
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