मोदी की गारंटी जो कभी पूरी नहीं होती और दूसरी ओर ममता बनर्जी की गारंटी जो कहती है उसे पूरा करती – वी शिवदासन दासु
आसनसोल । भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता शंकर चौधरी ने एक प्रेस मीट कर कहा कि आसनसोल में भाजपा के एक प्रत्याशी की वजह से बंगाल में भारतीय जनता पार्टी को तीन सीट का नुकसान हुआ। इस संदर्भ में तृणमूल प्रदेश कमेटी सचिव वी शिवदासन दासु ने कहा कि यह भारतीय जनता पार्टी का अंदरूनी मामला है। इस पर वह कोई टिप्पणी नहीं करना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि टीएमसी प्रत्याशी शत्रुघ्न सिन्हा दूसरी बार आसनसोल से लोकसभा का चुनाव जीते हैं और यह संभव हुआ है। आसनसोल लोकसभा क्षेत्र के आम टीएमसी कार्यकर्ताओं की मेहनत की वजह से उन्होंने कहा कि वह इस विवाद में नहीं पढ़ना चाहते कि कौन प्रत्याशी स्थानीय था या कौन बाहर से आया था। उन्होंने कहा कि शत्रुघ्न सिन्हा इससे पहले भी टीएमसी के प्रत्याशी हुए थे और उनको यहां की जनता का आशीर्वाद मिला था और इस बार भी शत्रुघ्न सिन्हा की जीत हुई है। उन्होंने कहा कि यह जीत ममता बनर्जी की जीत है। यह जीत अभिषेक इन दोनों को देखकर ही टीएमसी का एक आम कार्यकर्ता राजनीति करता है और यही वजह है कि यहां से लगातार दो बार टीएमसी को जीत हासिल हुई है। दासु ने कहा की पश्चिम बंगाल की जनता को यह बात समझ में आ गई है कि एक तरफ है मोदी की गारंटी जो कभी पूरी नहीं होती और दूसरी तरफ है ममता बनर्जी की गारंटी ममता बनर्जी जो कहती है उसे पूरा करती है। ममता बनर्जी के शासनकाल में बंगाल में लोगों के लिए कई जन कल्याणकारी योजना चलाई जा रही है। जिनका लाभ हर धर्म और राजनीतिक दल के लोग उठा रहे है। जबकि नरेंद्र मोदी के शासनकाल में पिछले 10 सालों में भारत में विकास का कोई भी कार्य नहीं हुआ है। वही जब उनसे पूछा गया कि विधानसभा के मुकाबले इस बार लोकसभा चुनाव में टीएमसी को विभिन्न विधानसभा क्षेत्र में वोट कम मिले हैं। सात विधानसभा में से दो विधानसभा में टीएमसी को हार झेलनी पड़ी है। इस पर उन्होंने कहा कि उपचुनाव और आम चुनाव में फर्क होता है। लेकिन यह खुशी की बात है कि आम चुनाव में भी लोगों ने तृणमूल कांग्रेस को आशीर्वाद दिया । उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी की तरफ से बंगाल में तृणमूल कांग्रेस को हराने की काफी कोशिश की गई थी। भारतीय जनता पार्टी द्वारा उन राज्यों में जहां उनकी सरकार है। स्थानीय पुलिस के सहारे मतदान करवाया गया। उन्होंने उदाहरण के लिए केरल उड़ीसा मध्य प्रदेश का हवाला दिया। जबकि बंगाल में सात चरणों में चुनाव हुआ और वह भी केंद्रीय सुरक्षा बलों की मौजूदगी में लेकिन फिर भी बंगाल की जनता ने भारतीय जनता पार्टी को नकार दिया।