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जामुरिया और रानीगंज में 11 कारखाना हैं जिन्होंने लाखों स्क्वायर फीट सरकारी जमीन पर किया है अतिक्रमण

कंपनियों को अवैध निर्माण के लिए जो रकम निगम को देना होगा वह लगभग 1000 करोड रुपए

1000 करोड रुपए आने से निगम क्षेत्र का हो जायेगा कायाकल्प

आसनसोल । आसनसोल नगर निगम के पूर्व मेयर सह भाजपा नेता जितेंद्र तिवारी ने भारतीय जनता पार्टी के जिला कार्यालय में एक प्रेस मीट की। इस मौके पर उनके साथ भाजपा जिला अध्यक्ष बप्पा चटर्जी, अमिताभ गोराई सहित अन्य भाजपा नेता उपस्थित थे। मौके पर जितेंद्र तिवारी ने कहा कि जमुड़िया में पिछले कुछ समय से शिकायत आ रही थी कि वहां के कुछ उद्योगपतियों द्वारा वहां के सिंहरान और अजय नदी का अतिक्रमण करके नदी को कारखाने के अंदर घुसा लिया गया है। इस बारे में जामुरिया के भाजपा नेतृत्व ने वहां के बीडीओ से शिकायत की थी। भाजपा के जिला नेतृत्व द्वारा जिला शासक को बताया गया था। लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ। जब यह आंदोलन जारी था तो एक और सनसनीखेज खुलासा हुआ। जितेंद्र तिवारी ने कहा कि इस आंदोलन को जारी रखने के क्रम में यह पता चला कि जामुरिया और रानीगंज के मंगलपुर इलाके में ऐसे 11 कारखाने हैं जिन्होंने हजारों लाखों स्क्वायर फीट जमीन पर अवैध रूप से अतिक्रमण किया है। उन्होंने कुछ कारखाने के नाम भी बताएं इनमें श्याम सेल पावर लिमिटेड, गगन फेरोटेक, बीके मोटर्स जैसे 11 कंपनियां है। जितेंद्र तिवारी ने कहा कि श्याम सेल पावर लिमिटेड द्वारा जो अवैध रूप से अतिक्रमण किया गया था। उसे तोड़ने के लिए बीते साल दिसंबर महीने में ही नगर निगम द्वारा ऑर्डर पास कर दिया गया था। लेकिन यह बड़े आश्चर्य की बात है कि दिसंबर 2023 से हम 2024 के अगस्त महीने में आ गए हैं। लेकिन अभी तक तोड़ा नहीं गया है। जितेंद्र तिवारी ने कहा कि भाजपा टीएमसी को यह मौका दे रही है कि वह यह प्रमाणित करें कि टीएमसी चोर नहीं है और आसनसोल नगर निगम द्वारा ही तोड़ने के जो आर्डर पास किए गए हैं। उन ऑर्डर को लागू करें। अगर टीएमसी द्वारा परिचालित आसनसोल नगर निगम अपने ही ऑर्डर को लागू करती है और इन 11 कंपनियों द्वारा अवैध रूप से जो अतिक्रमण किया गया है। उसे तोड़ती है तो कहा जा सकता है कि टीएमसी चोर नहीं है। लेकिन अगर वह ऐसा नहीं करती है तो यह बात साबित हो जाएगी की जरूर इन कंपनियों के साथ अंदर खाने टीएमसी नेताओं की आर्थिक सेटिंग हुई है, जिस वजह से अभी तक अवैध निर्माण को तोड़ा नहीं गया है। जितेंद्र तिवारी ने कहा कि जब कोई गरीब आदमी या आम जनता कोई छोटा सा अवैध निर्माण करता है और 50 स्क्वायर फीट या 100 स्क्वायर फीट इलाके में अवैध रूप से कोई निर्माण हो जाता है तो आसनसोल नगर निगम की तरफ से बड़े-बड़े बुलडोजर भेजे जाते हैं। नगर निगम के बड़े-बड़े अधिकारी खुद मौके पर मौजूद रहते हैं और अवैध निर्माण को तोड़ दिया जाता है। लेकिन यहां पर उद्योगपतियों द्वारा हजारों लाखों स्क्वायर फीट जमीन पर अवैध रूप से निर्माण किया गया है जो प्रमाणित हो गया है। आसनसोल नगर निगम द्वारा उन्हें तोड़ने के लिए आर्डर पास कर दिया गया है। लेकिन अभी तक उन ऑर्डर को लागू नहीं किया गया है। इससे यही बात साबित होती है की दाल में कुछ काला है। जितेंद्र तिवारी ने आगे कहा कि अगर आसनसोल नगर निगम इन अवैध निर्माणों को रेगुलराइज करना चाहती है तो उसके लिए इन कंपनियों पर जुर्माना लगाना होगा अगर जुर्माना लगाया जाता है तो इन कंपनियों को अवैध निर्माण के लिए जो रकम आसनसोल नगर निगम को देना होगा वह लगभग 1000 करोड रुपए है अगर 1000 करोड रुपए आते हैं तो आसनसोल नगर निगम क्षेत्र का कायाकल्प हो जाएगा। अब यह सोचने वाली बात है कि आसनसोल नगर निगम द्वारा अपने ही ऑर्डर को लागू करके इन अवैध निर्माणों को न तो तोड़ा जा रहा है और न ही इन अवैध निर्माण करने वाली कंपनियों पर जुर्माना लगाकर तकरीबन हजार करोड रुपए वसूले जा रहे हैं तो फिर जाहिर तौर पर सवाल खड़ा होता है कि यह पैसा जा कहां रहा है। जितेंद्र तिवारी ने कहा कि यह शक जरूर पनपता है कि कहीं टीएमसी नेताओं के साथ इन कंपनियों के अधिकारियों और मालिकों की कोई आर्थिक सेटिंग तो नहीं हो रही है, जिस वजह से न तो अवैध निर्माण तोड़ा जा रहा है और नहीं इन पर जुर्माना लगाया जा रहा है। पूर्व मेयर ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी इस घोटाले को बर्दाश्त नहीं करेगी और टीएमसी परिचालित आसनसोल नगर निगम को अपने आप को पाक साफ साबित करने का एक मौका दे रही है और यह मांग कर रही है कि अपने ही द्वारा जारी ऑर्डर को लागू करते हुए इन अवैध निर्माण को तोड़ा जाए या फिर इन पर जुर्माना अदा किया जाए। अगर आसनसोल नगर निगम ऐसा नहीं करता तो भाजपा अदालत का दरवाजा खटखटा आएगी और इन अवैध निर्माणों को तुड़वा कर रहेगी। वहीं जिला भाजपा अध्यक्ष बप्पा चटर्जी ने भी जितेंद्र तिवारी की बात का समर्थन करते हुए कहा कि आसनसोल नगर निगम को चाहिए कि वह अपने ही द्वारा जारी किए गए ऑर्डर को लागू करें और अवैध निर्माण को तोड़े। बप्पा चटर्जी ने साफ किया कि भारतीय जनता पार्टी औद्योगिकरण या उद्योगपतियों के खिलाफ नहीं है। लेकिन भारतीय जनता पार्टी यह बर्दाश्त नहीं करेगी कि जिसके पास पैसा है वह पैसे के दम पर अवैध निर्माण करके भी पार पा जाए और गरीब लोगों के छोटे-छोटे घर या दुकानों को अतिक्रमण हटाने के नाम पर तोड़ा जाए। इसके साथ ही उन्होंने एक और मुद्दे की तरफ ध्यान आकर्षित किया वह है कि चाहे जामुरिया हो या रानीगंज का औद्योगिक क्षेत्र मंगलपुर वहां पर स्थानीय युवाओं को रोजगार नहीं दिया जाता है। चाहे वह स्किल्ड लेबर हो या अनस्किल्ड लेबर कहीं पर भी स्थानीय युवाओं को नौकरी नहीं दी जा रही है। इसकी वजह यह है कि जब भी इन कारखानों में कोई हादसा होता है तो शवों को गायब कर दिया जाता है। कारखाना प्रबंधन को पता है कि अगर वह स्थानीय युवाओं को नौकरी देते हैं तो इस तरह का काम वह नहीं कर पाएंगे। बप्पा चटर्जी ने मांग किया कि सभी कारखाने में स्थानीय युवाओं के लिए 20 फीसदी रोजगार उपलब्ध कराना होगा।

     
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