आसनसोल । व्यक्तिगतवाद, व्यक्तिगत परिवार वाद, व्यक्तिगत टीआरपी की जगह को छोड़कर समाज एवं देश के लिए सोचना होगा। अहम, इंद और संगम के महत्व को समझने की आवश्यकता है। ‘मैं’ और समाज मिलने से ही मानव समाज एवं राष्ट्र का कल्याण हो सकता है।अब समय की मांग है कि प्रत्येक मनुष्य व्यक्तिवाद से आगे बढ़कर समाज की ओर दृष्टि करें।
सुरेन जालान आसनसोल।