कथाकार संजीव को शिल्पांचल रत्न सम्मान देकर किया गया सम्मानित
आसनसोल । आसनसोल नगर निगम के प्रशासनिक अलोचनागार में निगम और हिन्दी अकादमी की ओर से शिल्पांचल के गौरव कथाकार संजीव को शिल्पांचल रत्न सम्मान से सम्मानित किया। इस मौके पर निगम प्रशासक अमरनाथ चटर्जी ने संजीव जी को गुलदस्ता एवं सम्मान पत्र देकर उनको सम्मानित किया। वहीं अभिजीत घटक ने उन्हें साल ओढ़ाकर सम्मानित किया। इस सम्मान समारोह में संजीव जी की पत्नी प्रभादेवी भी उपस्थित थी। उन्हें भी तृणमूल हिंदी प्रकोष्ठ के जिला अध्यक्ष सिंटू भुइयां ने शाल ओढ़कर सम्मानित किया। सम्मान समारोह को संबोधित करते हुए अमरनाथ चटर्जी ने कहा कि संजीव जी आसनसोल के गौरव है। उन्हें सम्मानित कर आसनसोल नगर निगम धन्य हो गया। उन्होंने उनकी दीर्घायु होने की कामना की। इस अवसर पर
अभिजीत घटक ने कहा कि उनके बारे में मैंने काफी को सुना है लेकिन उनकी किताबों को पढ़ने का मौका नहीं मिला क्योंकि उनकी किताबें हिंदी में प्रकाशित होती है। इनको देश विदेश में ढेर सारे सम्मान दिए गए हैं। यह आसनसोल वासियों के लिए गर्व का विषय है। आशा करता हूं संजीव जी आगे भी इसी तरह लिखते रहेंगे। जिससे की यहां को लोगों को साहित्य से प्रेम हमेशा बना रहे। सम्मान समारोह में संजीव जी ने कहा कि सबसे पहले मैं आसनसोल नगर निगम और मेरे चाहने वाले को धन्यवाद देता हूं। मैं आसनसोल से दूर रहता हूं लेकिन आसनसोल हमेशा मेरे दिल में है। जब भी मौका मिलता यहां जरूर आता हूं। यहां पर स्त्रियों को इतना सम्मान नहीं दिया जाता जितना कि विदेशों में मिलता है। वह पुरुषों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चलते हैं लेकिन यहां पर देश के नेता बोलते कुछ और है करते कुछ और है यह लोग झूठ का नकाब पहने हुए हैं। अजी हां की स्त्रियां आगे बढ़ेगी तभी हमारा देश भी आगे बढ़ेगा। हिन्दी अकादमी के सचिव मनोज यादव ने कहा कि उक्त सम्मान समारोह वर्ष 2020 में घोषणा हुई थी। कोरोना काल के चलते संजीव जी के आने में कोरोना के कारण विलंब होना दीर्घ प्रतीक्षित था। उन्होंने कहा कि उनकी विशेष पहल पर कार्यक्रम सफल हुआ। इस मौके पर उन्हें स्मृति चिन्ह, शॉल ओढ़ाकर, सम्मान पत्र देकर एवं 11 हजार रुपये नकद राशि देकर सम्मानित की गई। इस मौके पर हिंदी अकादमी की अध्यक्ष उमा सराफ, आनंद कुमार आनंद, शिव कुमार यादव, डॉ. निशांत, प्रोफेसर संजीव पांडेय, मोती सिंह, दयानंद राय, पप्पू सिंह ठाकुरिया, मीना सिंह, संतोष साव मुख्य रूप से उपस्थित थे।