पश्चिम बंगाल सरकार महिला एवं बाल विकास और समाज कल्याण विभाग विकास भवन का उद्घाटन
आसनसोल । आसनसोल के कथा हॉल में पश्चिम बर्दवान और कलिम्पोंग इन दो जिलों में जेजेबीएस का उद्घाटन महिला एवं बाल विकास एवं समाज कल्याण विभाग के मंत्री डॉ. शशि पांजा वर्चुअल के द्वारा की। वहीं कथा हॉल परिसर में पश्चिम बर्दवान कार्यालय का उदघाटन दीप प्रज्ज्वलित कर एवं फीता काटकर किया। इस मौके पर मंत्री शशी पांजा ने कहा कि किशोर न्याय बोर्ड को कानून के उल्लंघन में किशोरों से संबंधित अधिनियम के तहत सभी कार्यवाई से विशेष रूप से निपटने की शक्ति है। एक बार जब अपराध हो जाता है और बच्चे को पकड़ लिया जाता है तो मामले किशोर न्याय बोर्ड के समक्ष आते हैं। जब तक जांच लंबित न हो तब तक बच्चे को एक निरीक्षण गृह में रखा जाता है, जब तक कि अन्यथा कानून के अनुसार रिहा नहीं किया जाता है। दोष सिद्ध होने पर बच्चे को विशेष गृहों या सुरक्षा के स्थान पर भेज दिया जाता है। इससे पहले, पश्चिम बर्दवान और कलिम्पोंग से कानून का उल्लंघन करने वाले बच्चों को क्रमश: पूर्व बर्दवान और दार्जिलिंग में किशोर न्याय बोर्ड के समक्ष पेश किया जाता था। आशंका के 24 घंटे के भीतर बच्चे जेजेबीएस से पहले प्रोडक्शन के लिए लंबी दूरी तय करते थे जो कई बार चुनौतीपूर्ण हो जाता है। दोनों जेजेबीएस में सभी आवश्यक सुविधाएं हैं जैसे अलग प्रतीक्षालय, लड़कों और लड़कियों के लिए अलग शौचालय, परामर्श कक्ष आदि ताकि बच्चे सहज महसूस कर सकें और बिना किसी हिचकिचाहट के आसानी से बात कर सकें। इनोवेटिव और चाइल्ड फ्रेंडली माहौल के अलावा, जेजे रूल्स में निर्धारित प्रावधानों के अनुसार सुविधाओं को डिजाइन किया गया है, जेजेबीएस में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग सुविधाएं अन्य जिलों में ऑब्जर्वेशन होम में रखे गए बच्चों के साथ संबंध स्थापित करने में मदद करेंगी। नतीजतन, बच्चों को अब पूछताछ के लिए जेजेबीएस के लिए लंबी दूरी तय करने की जरूरत नहीं है। इसके अलावा, माननीय मंत्री जी द्वारा कोविड-19 के कारण महामारी में अनाथ बच्चों की वास्तविक समय निगरानी और सहायता के लिए एक मोबाइल ऐप भी लॉन्च किया गया। यह महिला एवं बाल विकास और समाज कल्याण विभाग, सरकार की एक पहल है। महामारी के दौरान या तो दोनों या एकल माता-पिता को खोने वाले टी बच्चों की स्थिति की निगरानी करना। निगरानी चार मानकों अर्थात् भोजन और पोषण, स्वास्थ्य, शिक्षा और दुरुपयोग की घटनाओं पर की जाएगी। यह ऐप एनआईसी के तकनीकी समर्थन से तैयार किया गया है और इसका उद्देश्य विभिन्न योजनाओं और सेवा वितरण संरचनाओं के साथ जुड़ाव के माध्यम से सहायता प्रदान करना है। उन्होंने कहा कि इससे उन बच्चों को काफी सहुलियत होगी जो परिस्थिति के कारण अपराध की दुनिया में आ जाते हैं। इनका कहना था कि अपराध के आरोपी बच्चों को एक होम में रखा जाता है जहां से पूछताछ के लिए उनको लाना पड़ता है । ऐसे इस प्रकार का कोई जगह अगर हो जहां एक बच्चा बिना डरे अपनी बात रख सके तो इससे बेहतर और कुछ नहीं हो सकता। उन्होंने कहा कि राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी चाहती है कि कम उम्र के जो बच्चे अपराध में संलिप्त होते हैं उनके साथ
सहानुभूति के साथ पेश आया जाए। उन्होंने कहा कि पश्चिम बर्दवान के साथ साथ कालिमपंग में भी ऐसे एक बोर्ड का उद्घाटन किया गया । इस मौके पर एडीजेएस श्रीमयी कुंडू, सीजेएम प्रांतिक रंजन घोष, जिला शासक एस अरुण प्रसाद, एडीएम, डीसी हेडक्वार्टर अंशुमान साहा, आसनसोल नगरनिगम के चेयरपर्सन अमरनाथ चटर्जी, आईएनटीटीयूसी जिलाध्यक्ष अभिजीत घटक सहित अन्य अधिकारी मौजूद थे।