भाजपा प्रत्याशी अग्निमित्रि पाल ने मां घाघरबुढ़ी मंदिर में की पूजा, आशीर्वाद लेकर शुरू की चुनाव प्रचार
आसनसोल । आसनसोल लोकसभा उपचुनाव में भाजपा प्रत्याशी अग्निमित्रा पाल रविवार को आसनसोल प्रख्यात मां घाघरबुढ़ी मंदिर में पूजा-अर्चना करने पहुंची। पहले से भाजपा समर्थक गाजे बाजे के साथ मंदिर परिसर में जमा हुए थे। पूजा अर्चना के उपरांत पत्रकारों से बातचीत करते हुए अग्निमित्रा पाल ने कहा कि वह एक सनातनी हिंदू परिवार की महिला है। एक सनातनी हिंदू हैं इसीलिए वह हिंदू रीति-रिवाजों के अनुसार कोई बड़ा काम करने से पहले अपने माता-पिता और भगवान का आशीर्वाद लेती हैं।विधानसभा चुनाव से पहले भी वह घाघरबुढ़ी मंदिर में पूजा अर्चना करने आईं थीं और अब जबकि वह लोकसभा उपचुनाव में खड़ी हो रही हैं आज उन्होंने यहां पूजा अर्चना की। वहीं उन्होंने कहा कि टीएमसी के शत्रुघ्न सिन्हा और वामफ्रंट के पार्थो मुखर्जी के बारे में उन्होंने कहा कि वह दोनों का सम्मान करती है। लेकिन राजनीति की लड़ाई में उनको कोई रियायत नहीं देंगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश में हुए विकास कार्य को देखते हुए उनका पूरा भरोसा है कि आसनसोल की जनता भाजपा को भारी बहुमत से विजय बनाएगी। शत्रुघ्न सिन्हा को लेकर अग्निमित्रा पाल ने कहा की वह बॉलीवुड के सितारे हैं, वहीं वह अच्छे लगते है, आसनसोल के इतिहास भूगोल की जानकारी नहीं है। आसनसोल के 10 तृणमूल नेता को वह नहीं जानते है। आसनसोल की जनता को क्या पहचानेंगे। वहीं उन्होंने कहा कि ऐसे में वह यहां के लिए बाहरी है। बंगाल के बाहर से आए व्यक्तियों को बाहरी कहना यह उन्होंने ममता बनर्जी से सीखा है। उन्होंने कहा कि ममता बनर्जी के नेतृत्व में जिस तरह से भाजपा के नेताओं को बाहरी कह कर अपमानित किया जाता था, जो बंगाल से बाहर से आए थे। वह ऐसा नहीं करेंगी लेकिन चुनावी संघर्ष में वह उनको कोई रियायत नहीं देंगी। उन्होंने आरोप लगाया कि टीएमसी उनको विधायक के रुप में काम करने नहीं देती है। यहां तक कि जरूरतमंदों में तिरपाल और खाद्य सामग्री बांटने में भी टीएमसी के एक नेता और समर्थक विरोध करते थे। उसी विरोधिता में भी वह जनता के लिए काम करते आयी। इस मौके भाजपा जिला अध्यक्ष दिलीप दे, विधायक लखन घुरुई, डॉ.अजय पोद्दार, जितेंद्र तिवारी, कृष्णेन्दू मुखर्जी, निर्मल कर्मकार, शंकर चौधरी, आशा शर्मा, संतोष सिंह, प्रशांत चक्रवर्ती, चैताली तिवारी, बप्पा चटर्जी, बप्पा आचार्या सहित सैकड़ो महिला व पुरुष समर्थक मौजूद थे।