एक वर्षीय भतीजे की हत्या के आरोप में दोषी चाचा को उम्रकैद
आसनसोल । मनसा पूजा घुमने के नाम पर एक वर्षीय भतीजे को तालाब में डुबोकर हत्या करने के आरोप में दुर के रिश्ते के चाचा को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है । आसनसोल कोर्ट में पांच साल से चल रहे हत्याकांड में अतिरिक्त जिला न्यायाधीश (एडीजे1) मनोज कुमार प्रसाद ने शुक्रवार को चाचा बदीनाथ टुडू को 14 गवाहों के साक्ष्य के आधार पर दोषी करार दिया। सोमवार को जज ने सजा का ऐलान किया। मामले के मुख्य लोक अभियोजक पीपी स्वराज उर्फ बच्चू चट्टोपाध्याय ने कहा कि दोनों पक्षों के वकीलों के सवालों को सुनने के बाद दोषी बदीनाथ टुडू को उम्रकैद की सजा सुनाई गई। साथ ही जज ने दस हजार रुपये जुर्माना भी भरने का आदेश दिया। जुर्माने का भुगतान नहीं करने पर सजा की मियाद 6 महीने बढ़ जाएगी। अदालती सूत्रों के अनुसार दोषी बदीनाथ टुडू आसनसोल उत्तर थाने के दासो पाड़ा का रहने वाला है। उनके दूर के रिश्ते के भाई तपन टुडू आसनसोल उत्तर थाना के बंगाल पाड़ा में रहते है। उनका बेटा एक साल का आकाश टुडू था। 19 अगस्त 2017 को मनसा पूजा थी। बदीनाथ टुडू उस दिन तपन टुडू के घर आए। दोपहर के साढ़े तीन बजे। वह आकाश को मनसा पूजा घूमने के नाम पर लेकर गये। एक घंटे बाद बदीनाथ नग्न और बेहोश आकाश को घर ले आए और बिस्तर पर लेटाकर चले गए। बाद में घर वालों ने देखा कि आकाश मर चुका है। तपन टुडू ने इसके बाद आसनसोल नार्थ थाना में लिखित शिकायत दर्ज कर पूरी घटना की जानकारी दी। पुलिस ने आकाश के शव को आसनसोल जिला अस्पताल में पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। पुलिस को पता चला कि आकाश की हत्या पानी में डुबोकर की गई है। पुलिस ने भारतीय दंड संहिता की धारा 302 के तहत हत्या का मामला दर्ज किया और बदीनाथ टुडू को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस पूछताछ में उसने स्वीकार किया कि उसने बंगाल पाड़ा में एक तालाब के पानी में डुबोकर आकाश की हत्या की थी। पुलिस को तालाब के बगल के जंगल से आकाश के मैले कपड़े और पैंट मिले। उसी दौरान पुलिस को वहां से एक शर्ट का बटन मिला। इसी तरह पुलिस ने बदीनाथ टुडू के घर की तलाशी ली तो उसकी मैली कमीज और पैंट मिली। मामले में मुख्य लोक अभियोजक स्वराज उर्फ बच्चू चट्टोपाध्याय ने कहा कि आरोपी के खिलाफ समय पर सबूतों के साथ सीडी जमा करने पर जमानत नहीं मिली। वह जेल में ही था। इस मामले में जज के सामने कुल 14 लोगों ने गवाही दी। पुलिस ने आकाश और बोदीनाथ के कपड़े और पैंट की फोरेंसिक जांच भी की। घटना के साथ कपड़े एवं पेंट का प्रमाण मिला। उसी दिन आसनसोल अदालत के न्यायाधीश एडीजे (1)ए मनोज कुमार प्रसाद ने भारतीय दंड संहिता की धारा 302 के तहत आकाश टुडू की हत्या के आरोपी बदीनाथ टुडू को दोषी ठहराया।