पश्चिम बंगाल सरकार के मुख्य सचिव को दिए गए पत्र का मांगा जबाव
कोलकाता । लिंग्विस्टिक माइनोरिटी विभाग के एसिटेंट कमिश्नर एके घोष ने पश्चिम बंगाल सरकार के मुख्य सचिव को एक पत्र लिखा है। इसमें उन्होंने मुख्य सचिव से लिंग्विस्टिक माइनोरिटी एसोसिएशन द्वारा 24 मई को उनके विभाग को लिखे गए पत्र को लेकर क्या कदम उठाए गए है। इसकी जानकारी उपलब्ध कराने का अनुरोध किया। उन्होंने मुख्य सचिव से लिंग्विस्टिक माइनोरिटी एसोसिएशन द्वारा उठाए गए मुद्दों का जल्द से जल्द समाधान करने की अपील की। इसके साथ ही उन्होंने एक्शन टेकन रिपोर्ट नई दिल्ली के लिंग्विस्टिक माइनोरिटी विभाग के आयुक्त के पास जमा करने का अनुरोध किया है। आपको बता दें की हाल ही में पश्चिम बंगाल सरकार की तरफ से एक नोटिफिकेशन जारी किया गया है, जिसमें यह कहा गया है कि पश्चिम बंगाल सिविल सर्विस परीक्षा में हिंदी, उर्दू और संथाली भाषा को हटा दिया गया है। सिर्फ बांग्ला को ही अनिवार्य रखा गया है। यूपीएससी की परीक्षा पास करने के लिए बांग्ला के 300 अंकों का प्रश्न पत्र पास करना अनिवार्य किया गया है। इसके खिलाफ लिंग्विस्टिक माइनॉरिटी एसोसिएशन ने आवाज बुलंद की है। इनका कहना है कि जब हिंदी, उर्दू और संथाली भाषा के विद्यार्थियों को बचपन से बांग्ला पढ़ने का मौका ही नहीं मिलता तो अचानक यूपीएससी में वह बांग्ला प्रश्न पत्र में पास कैसे हो सकते हैं। पश्चिम बंगाल सरकार के इस फैसले पर पुनर्विचार के लिए संगठन लगातार प्रयास कर रहा है।