सीमेंट विभाग को बचाना है तो जीएसटी को 28 फीसदी से हटाकर करनी होगी 18 फीसदी – पवन गुटगुटिया
आसनसोल । केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने बीते दिनों एक ट्वीट किया था। जिसमें उन्होंने दावा किया था कि केंद्र सरकार एमएसएमई सेक्टर को लेकर काफी गंभीर है और इसके विकास के लिए हर संभव प्रयास करेगी। इस पर पश्चिम बंगाल सीमेंट मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष पवन कुमार गुटगुटिया ने भी ट्वीट किया। जिसमें उन्होंने लिखा कि अगर केंद्र सरकार एमएसएमई सेक्टर को लेकर सही मायनों में गंभीर है तो पहले पश्चिम बंगाल के सीमेंट विभाग पर ध्यान देनी होगी। सिमेंट विभाग भी एक एमएसएमई विभाग का ही हिस्सा है। उन्होंने लिखा है कि पूरे पश्चिम बंगाल में 50 से अधिक सीमेंट ग्राइंडिंग यूनिट था। लेकिन उनमें से आधे से ज्यादा बंद हो चुके हैं और जो चल रहे हैं वह भी बंदी के कगार पर है। उन्होंने 28 फीसदी जीएसटी को इसकी एक मुख्य वजह बताया। उनका कहना है कि 28 फ़ीसदी जीएसटी की वजह से कई सीमेंट ग्राइंडिंग यूनिट बंदी के कगार पर हैं। अगर समय सीमा के तहत सीमेंट विभाग पर ध्यान नहीं पहुंचाई तो बाकी सभी सीमेंट मैन्युफैक्चरिंग यूनिट भी बंद हो जाएंगे। जिसका प्रभाव इस यूनिट में काम करने वालों के साथ आम जनता पर सीधे पड़ेगी। उन्होंने लिखा है कि देश में पहले से ही बेरोजगारी की समस्या बहुत ज्यादा है। उस पर अगर यह सीमेंट मैन्युफैक्चरिंग यूनिट सिर्फ जीएसटी के कारण बंद हो जाती है तो यह संख्या और बढ़ेगी। उन्होंने केंद्र सरकार से अपील की है कि सीमेंट विभाग को फिर से पुनर्जीवित करना है तो जीएसटी को 28 फीसदी से घटाकर 18 फ़ीसदी कर दे। ताकि सीमेंट मैन्युफैक्चरिंग कंपनियों पर बोझ कम हो और वह व्यवसाय में बने रहे। श्री गुटगुटिया ने कहा कि उन्हें पूरी आशा है कि केंद्र सरकार सीमेंट मैन्युफैक्चरिंग यूनिट के समस्याओं गंभीर होगी। गंभीरता पूर्ण तरीके से इनकी समस्याओं पर विचार करेगी।