बजट ऐसा हो जिसे उद्योग और व्यवसाय का विकास हो – सचिन राय
आसनसोल । नरेंद्र मोदी के तीसरे बार प्रधानमंत्री बनने के बाद पहला बजट 23 को पेश होगा। सरकार का अगला बजट कैसा होगा। इस संदर्भ में फेडरेशन ऑफ़ साउथ बंगाल चेंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज के महासचिव तथा क्रेडाई आसनसोल के अध्यक्ष सचिन राय ने कहा कि उद्योग और वाणिज्य से जुड़े लोगों को आगामी बजट से काफी उम्मीदें है। उन्होंने कहा कि वह निर्माण उद्योग से भी जुड़े हुए हैं। इसलिए वह यह आशा करते हैं कि आने वाले बजट में निर्माण उद्योग को सरकार द्वारा इंडस्ट्रीज का दर्जा दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि अगर निर्माण क्षेत्र को इंडस्ट्रीज का दर्जा दिया जाता है तो इससे आने वाले समय में इस उद्योग को काफी सहूलियत मिल सकती हैं। सचिन राय ने कहा कि अगर हाउसिंग सेक्टर को इंडस्ट्रीज का दर्जा दिया जाता है तो बैंक से लोन मिलने में सुविधा होगी। छोटे-छोटे टाउनशिप बनाए जा सकेंगे। जिससे रोजगार के अवसर पैदा होंगे। इसलिए उन्होंने सरकार से आग्रह किया कि बजट में हाउसिंग सेक्टर को इंडस्ट्रीज का दर्जा दिया जाए। इसके अलावा सचिन राय ने एक विषय पर केंद्र सरकार को ध्यान देने का आग्रह किया। वह यह की वर्तमान में केंद्र सरकार के गाइडलाइंस के मुताबिक नॉन मेट्रो शहरों में 90 वर्ग मीटर यह 969 स्क्वायर फीट और मेट्रो शहरों में 60 वर्ग मीटर या 646 स्क्वायर फीट वाले कारपेट एरिया के फ्लैट जिसकी कीमत 45 लाख रुपए है। उसको सस्ते घर की श्रेणी में रखा जाता है। सचिन राय ने केंद्र सरकार से आग्रह किया कि आज की तारीख में जिस तरह से निर्माण सामग्रियों के कीमत बढ़ चुकी है। ऐसे में इस कीमत को बढ़ाकर 60 या 65 लाख रुपए करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि फिलहाल जिसे सस्ता घर कहा जा रहा है जिसक कीमत 45 लाख रुपए है। उस पर एक प्रतिशत जीएसटत लगता है। लेकिन अगर इस स्लैब को बढ़ा दिया जाए और बढ़ाकर 60 या 65 लाख रुपए करनी चाहिए। उस पर भी एक प्रतिशत जीएसटी लगेगा ना की 5% जिससे कि लोगों को काफी सहूलियत होगी और निर्माण उद्योग को भी फायदा होगा। होम लोन को लेकर भी सचिन राय ने कहा कि अगर अगले बजट में होम लोन पर आयकर डिडक्शन की घोषणा की जाती है तो इस क्षेत्र में और ज्यादा लोन लिया जा सकेगा। जिंससे आखिरकार निर्माण उद्योग को फायदा पहुंचेगा। इसके साथ ही उन्होंने आयकर पर छूट की सीमा को ढाई लाख रुपए से बढ़ाकर 5 लाख रुपए तक करने का आग्रह किया और स्टैंडर्ड डिडक्शन को 1 लाख रुपए करने का अनुरोध किया। उन्होंने कहा कि अगर केंद्र सरकार इस तरह का कोई फैसला लेती है तो निश्चित तौर पर इंडस्ट्रीज के लिए यह फायदेमंद होगा। सचिन राय ने एक और प्रस्ताव की तरफ नीति निर्धारकों का ध्यान आकर्षित करने की कोशिश की। उन्होंने कहा कि हालांकि यह राज्य सरकार का अधिकार क्षेत्र है लेकिन उन्होंने कहा कि एमएसएमई क्षेत्र के विकास के लिए उद्योग लगाने की प्रक्रिया को और सरल करने की आवश्यकता है चाहे वह जमीन की तलाश हो लोन पाने की सुविधा हो या अन्य जो भी प्रक्रियाएं एक उद्योग को स्थापित करने के लिए जरूरी होती है। उन सभी प्रक्रियाओं का सरलीकरण बेहद जरूरी है ताकि व्यर्थ में समय नष्ट ना हो और एक उद्योगपति ज्यादा सरकारी दफ्तरों के चक्कर लगाए बिना अपना उद्योग स्थापित कर सके इसके साथ ही उन्होंने छोटे तथा मझौले उद्योग के लिए लोन में रियायत की भी पैरवी की।
सचिन राय ने कहा कि क्रेडाई तथा फासबेक्की के तरफ से केंद्र सरकार से उद्योग और व्यापार के विकास के लिए कई प्रस्ताव भेज कर अनुरोध किया गया है उनको पूरा भरोसा है कि केंद्र सरकार द्वारा उन प्रस्ताव पर गौर करते हुए आने वाले बजट में ऐसे फैसले लिए जाएंगे जिससे कि व्यापार को बढ़ावा मिलेगा।