फर्जी डिग्री मामले पर आठ लोगों के खिलाफ मामला दर्ज
दुर्गापुर । दुर्गापुर के नेपाली पाड़ा हिंदी हाई स्कूल के प्रधानाध्यापक राष्ट्रपति पुरस्कार प्राप्त डॉ. कलीमुल हक पर बीते दिनों उनकी पीएचडी डिग्री को लेकर उठाए गए सवाल पर शुक्रवार सिटी सेंटर इलाके में संवाददाता सम्मेलन की गई। दुर्गापुर के सिटी सेंटर स्थित दुर्गापुर प्रेस क्लब में पत्रकारों को जानकारी देते हुए प्रधानाध्यापक डॉ. कलीमुल हक ने पीएचडी डिग्री सौ फीसदी सही बताया एवं पटना विश्वविद्यालय से प्राप्त हुई डिग्री से संबंधित सभी दस्तावेजों को मीडिया के समक्ष पेश किया। उन्होंने कहा कि पीएचडी डिग्री फर्जी बता कर मेरे प्रतिष्ठा को धूमिल करने का प्रयास किया गया है। जबकि मेरी पीएचडी डिग्री पूरी तरह से वैद्य है, वहीं कुछ लोग साजिश के तहत डिग्री को लेकर अफवाह फैला रहे थे। उन्होंने बताया कि एक शिक्षक ने पटना विश्वविद्यालय को आठ अप्रैल को आरटीआई के मध्यम से पीएचडी के बारे में जानकारी मांगी थी। पटना विश्वविद्यालय ने 12 जुलाई को आरटीआई का जवाब देते हुए कहा कि डॉ. कलीमुल हक ने पटना यूनिवर्सिटी से वर्ष 2004 में पीएचडी के लिए रजिस्ट्रेशन कराया था। यूजीसी के नियमों के मुताबिक 3 वर्ष तक परीक्षा देकर वर्ष 2007 में उन्हें पीएचडी डिग्री पटना विश्वविद्यालय से दिया गया।आरटीआई का जवाब आने से पूर्व ही उनके पीएचडी डिग्री पर सवाल उठाते हुए कुछ मीडिया में झूठा प्रचार किया गया था।
उन्होंने ने आरोप लगाया कि कुछ लोग मेरे दस्तावेजों को छेड़छाड़ करने का साजिश रचे थे। जो कानूनी जुर्म है, ऐसा करने वालो के खिलाफ राज्य सरकार कानूनी कार्रवाई करे। उन्होंने कहा कि उनके पीएचडी डिग्री को नकली बताने वाले आठ लोगों के खिलाफ कोकोवेन थाना में मामला दर्ज किया गया। वर्तमान समय में डॉ. कलीमुल हक दुर्गापुर के साथ-साथ पूरे देश के लिए गौरव हैं। उन्हे कुछ महीनों पूर्व राष्ट्रपति पुरस्कार से नवाजा गया था जो एक शिक्षक के लिए सबसे बड़ा सम्मान होता है।