बेलूर मठ में कोविड नियमों का पालन कर शुरू हुई कुमारी पूजा
कोलकाता ।आज अष्टमी 2021 है। 120 साल की परंपरा का पालन करते हुए अष्टमी की सुबह बेलूर मठ में कुमारी पूजा का आयोजन किया जा रहा है। हालांकि प्रशंसकों की कोई ज्ञात लहर नहीं है। क्योंकि मठ के अधिकारी नहीं चाहते कि पूजा परिसर में भीड़ कोविड नियम तोड़ें। हालांकि फैंस के लिए शो को लाइव देखने की व्यवस्था की गई है। इस बार कुमारी सरन्या चक्रवर्ती। वह केवल 6 साल की है और दक्षिण कोलकाता में रहती है। उन्हें कोविड नियमों के अनुसार मास्क पहनकर मंडप परिसर में लाया गया। इस बार कुंवारी की उमा के रूप में पूजा की जा रही है। चिन्मयी के रूप में नाबालिगों की आराधना बेलूर मठ की
एक प्राचीन प्रथा है। स्वामी विवेकानंद ने पहली बार 1901 में बेलूर मठ में यह पूजा की थी। लेकिन पिछले साल सवाल उठा क्योंकि कुंवारी और पुजारियों के लिए मास्क नहीं थे। इस बार मठ इतने अंतर को सावधानी में नहीं रख रहा है। मठ के अधिकारियों का निर्णय है कि पूजा के स्थान पर 20-25 से अधिक साधु न हों। कुंवारी के साथ आए परिवार के
सदस्यों पूजा के काम में शामिल साधुओं का भी आरटीपीसीआर टेस्ट किया गया है। पूजा की तैयारी के दौरान, इस बात की जांच की गई कि क्या बच्चे ने उम्र के हिसाब से कोई अन्य दवा तो नहीं ली है। ध्यान दें कि बागबाजार में भी सार्वजनिक रूप से कुमारी की पूजा की जा रही है। इस मामले में भी पूजा समिति 20-25 लोगों को मुख्य मंडप में रख रही है। उपाचार का पालन दूरी के नियमों के अनुसार किया जा रहा है। माता और पिता कुँवारी को लेकर मंडप में आए। वह आरटीपीसीआर से गुजरे हैं।