आसनसोल । शाकम्भरी जयन्ती के उपलक्ष्य में 64 दिवसीय 1900 किलो मीटर भव्य ध्वजा पदयात्रा का आयोजन किया गया। यह पदयात्रा 29 अक्टुबर 2025 को सुबह गणेश टाकिज शाकम्भरी माता मन्दिर कोलकत्ता से शुरू हो कर 3 जनवरी 2026 को शाकम्भरी माता मन्दिर सकरायधाम राजस्थान पहुचेगी। यात्रा का आयोजन शाकम्भरी भक्त मण्डल कोलकत्ता ओर शाकम्भरी परिवार के द्वारा किया गया है। यात्रा के साथ माँ शाकम्भरी का भव्य रथ, ध्वजा के साथ पद यात्री चल रहे है। यात्रा मार्ग में यात्रा का पड़ाव आसनसोल में हुआ। जहां शाकम्भरी माता का भजन किर्तन शोभयात्रा, प्रसाद का आयोजन किया गया।
कोलकत्ता से आये पद यात्री संदीप जी भौतिका, मनोज जी अग्रवाल का शाकम्भरी परिवारआसनसोल ने पुरे जोर शोर से स्वागत किया। शाकम्भरी परिवार आसनसोल सदस्य सजंय सुलतानियाँ, महेश क्याल ने बताया की यात्रा का मुख्य उद्देश्य मैया के भक्तो को जोड़ना, हर हृदय में प्रेम, एकता और आस्था का दिव्य संदेश फैलाना एवं इन्होंने ये भी कहा की धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, किसी पवित्र देवी स्थल तक पैदल पदयात्रा करने से व्यक्ति की आत्मा शुद्ध हो जाती है। धार्मिक पदयात्रा करने से व्यक्ति को मानसिक शांति मिलती है। साथ ही देवी का आशीर्वाद मिलता है। धार्मिक पदयात्रा को अध्यात्म का सफर माना जाता है। हिंदू धर्म शास्त्रों में बताया गया है कि जो भी व्यक्ति भगवान शिव, श्री हरि विष्णु और देवी मां के धामों तक पदयात्रा करके पहुंचता है। उसको मोक्ष की प्राप्ति होती है। कार्यक्रम को सफल बनाने में शकंर क्याल, महेश क्याल, ओम प्रकाश सुलतानियाँ, सजंय सुलतानियाँ, सतीस क्याल, दुर्गा क्याल, विमल क्याल, प्रमोद चौघरी, सुमित अग्रवाल और शाकम्भरी परिवार आसनसोल के सभी सदस्यो का योगदान था।