प्रभु छठ घाट पर होगा भव्य छठ पूजा का आयोजन, वाराणसी के घाट की तर्ज पर होगी आरती
आसनसोल । आस्था का महापर्व छठ यू तो मूलतः हिंदी भाषी बहुल बिहार, यूपी का पर्व है लेकिन पिछले कुछ वर्षों में शिल्पांचल व कोयलांचल में भी छठ पर्व काफी धूमधाम से मनाया जाता है और बात जब आसनसोल के छठ पर्व की हो तो कल्ला स्थित प्रभु छठ घाट पर जो छठ मनाया जाता है। उसका उल्लेख किए बिना आसनसोल के छठ की बात पुरी नहीं होती। आसनसोल के विशिष्ट समाजसेवी सह व्यवसायी कृष्णा प्रसाद के तत्वावधान में ली क्लब द्वारा बीते 44 वर्षों से इस पूजा का आयोजन किया जा रहा है। कृष्णा प्रसाद ने शिल्पांचल टुडे के पत्रकार को बताया कि इस वर्ष छठ उत्सव ऐतिहासिक होने वाला है। उन्होंने बताया कि इस वर्ष छठ का आयोजन काफी भव्य तरीके से किया जाएगा। इस वर्ष छठ पूजा के अवसर पर प्रभु छठ घाट पर आकर्षण का केंद्र होगी भव्य आरती जो कि वाराणसी प्रयागराज ऋषिकेश की तर्ज पर की जाएगी। उन्होंने बताया कि पिछले कई महीनों से प्रभु छठ घाट पर जेसीबी, हाईड्रा, ट्रैक्टर आदि के उपयोग से घाट की मरम्मत की जा रही है। उन्होंने बताया कि रोज लगभग 40 श्रमिकों द्वारा कल्ला और प्रभु छठ की मरम्मत का काम किया जा रहा है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि पूरे घाट की साफ सफाई की जा रही है। ताकि छटव्रतियों को कोई परेशानी न हो। उन्होंने बताया कि घाट की हालत काफी दयनीय हो गई थी। पूरे घाट की सफाई की गई और एक एक पत्थर को चुन चुन कर निकाला गया। इस साल घाट का विस्तार भी किया गया है। उन्होंने कहा कि वाराणसी प्रयागराज ऋषिकेश की तरह ही यहां भी ऊषा और संध्या आरती की व्यवस्था की गई है। ताकि यहां के श्रद्धालुओं को भी अनुपम क्षण की अनुभुति हो। कृष्णा प्रसाद ने बताया कि वह हरिद्वार से गंगा जल लेकर आए हैं ताकि आसनसोल में 11000 हजार परिवारों के बीच इस पवित्र जल का वितरण कर सकें। घाट पर छठव्रतियों के लिए कपड़े बदलने के लिए शिविरों का भी इंतजाम किया गया है। आश्रम मोड़ से धनदाड़ी मोड़ तक पांच किलोमीटर के रास्ते पर लाईट के साथ साथ साउंड सिस्टम की भी व्यवस्था की गई है। त्योहार के सभी दिन इस रास्ते की धुलाई की जाएगी जिसके लिए दो टैंकर की भी व्यवस्था की गई है। इतना ही इस पूरे रास्ते की गढ़ो को भर कर मरम्मत भी की जाएगी जिससे श्रद्धालुओं को कोई परेशानी न हो। साथ ही अर्घ्य देने वाले छठव्रतियों को नदी के अंदर मौजूद पत्थर कंकर से कोई चोट न लगे इसके लिए नदी की सफाई की जा रही है। उन्होंने कहा कि नदी के अंदर से एक एक पत्थर को निकाला जा रहा है। साथ ही किसी भी अप्रिय घटना से निपटने के लिए छह गोताखोरों को भी रखा गया है। आश्रम मोड़ से लेकर घाट तक 22 एलईडी लाईटों का इंतजाम किया गया है। घाट पर लगे एलईडी स्क्रीन पर मां गंगा का धरती पर आने का दृश्य सुर्योदय के दृश्य को भी दिखाया जाएगा जिससे छठव्रतियों को इस विहंगम दृश्य का अनुभव हो। एक तरफ यह सभी दृश्य देखे जा सकेंगे दुसरी तरफ वाराणसी से आए पंडित आरती करेंगे। छठ पूजा के अवसर पर मंत्रोच्चार और छठ माता के गीत साउंड सिस्टम पर सुनाए जाएंगे। छठ घाट पर गंगा जल धूप अगरबत्ती माचिस घी कपुर पान पत्ता सिंदुर चाय पानी खीर एक टन लड्डु प्रसाद के रुप में वितरित किया जाएगा । इसके साथ ही उन्होंने कहा कि सोमवार सुबह से पूरे इलाके में एक टन लौकी बांटा जाएगा। कंबल, साड़ी, गमछा, बुजुर्गों के लिए शॉल भी अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य प्रदान करने के बाद होने वाली आरती के बाद से ही दिए जाएंगे। तकरीबन 18 काउंटरों से यह सारी चीजें बांटी जाएंगी। इसके लिए सुबह से ही कुपन बांटे जाएंगे जिससे छठव्रतियों को आसानी से यह सारी चीजें मिल सकें। कार्यक्रम में रामकृष्ण मिशन के महाराज, इस्कान के महाराज, राज्य के कानून और लोक निर्माण मंत्री मलय घटक, पांडवेश्वर के विधायक नरेन्द्रनाथ चक्रवर्ती, आसनसोल नगर निगम के 106 वार्डों के आह्वायक वी शिवदासन दासु, आसनसोल रेलवे डिविजन के डीआरएम परमानंद शर्मा, महावीर स्थान सेवा समिति के सचिव अरुण शर्मा के अलावा कई गणमान्य लोगों के कार्यक्रम में रहने की उम्मीद है। उन्होंने बताया कि इस साल संपूर्ण घाट को फूलों से सुसज्जित किया जाएगा। कृष्णा प्रसाद ने बताया कि