छठ पूजा के बैनर फाड़े जाने पर ली क्लब के सदस्यों में नाराजगी, कृष्णा प्रसाद भी मौके पर पंहुचे दोषियों के गिरफ्तारी की उठाई मांग
आसनसोल । आसनसोल के विशिष्ट समाजसेवी सह व्यवसायी कृष्णा प्रसाद के नेतृत्व में ली क्लब द्वारा पिछले 44 सालों से कल्ला के प्रभु छठ घाट पर धूमधाम से छठ पूजा का आयोजन किया जा रहा है। इस साल भी कृष्णा प्रसाद के तत्वावधान में भव्य तरीके से छठ पूजा का आयोजन किया जा रहा है। इसके लिए कृष्णा प्रसाद उत्तराखंड से गंगा जल लाकर आए थे ताकि इस घाट पर आने वाले सभी छठव्रतियों में यह बांटा जा सके। लेकिन समाज में कुछ ऐसे लोग भी हैं जो किसी को समाज के लिए कुछ अच्छा करते देखना नहीं चाहते। वह हमेशा ऐसे लोगों के काम में अड़चनें पैदा करते है। आसनसोल के आरा डांगा और रेलवे आफिसर्स क्लब के समीप ऐसा ही एक नजारा देखा गया। आने वाले छठ पूजा के मद्देनजर जो बैनर लगाए गए थे उनको फाड़ दिया गया। बैनर को ठीक उसी जगह से फाड़ा गया जहां कृष्णा प्रसाद की तस्वीर लगी थी। घटना की जानकारी मिलते ही ली क्लब के सदस्यों में नाराजगी पसर गई। लेकिन सामाजिक दायित्वों का निर्वहन करने दुर्गापुर गए कृष्णा प्रसाद ने ली क्लब के सदस्यों को समझाया और उनको कानूनी तौर पर इसका विरोध करने की हिदायत दी। ली क्लब के सदस्यों ने इसके बाद आरा डंगाल और आफिसर्स क्लब के समीप इस घटना के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन किया। इन्होने प्रशासन से दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की। ली क्लब के सदस्यों के प्रदर्शन के दौरान ही कृष्णा प्रसाद भी यहां पंहुचे और स्थिति का जायजा लिया। मौके पर मौजूद पत्रकारों को उन्होंने बताया कि शरारती और असामाजिक तत्वों द्वारा किए गए इस तरह के कार्य की जितनी निंदा की जाए वह कम है। उन्होंने पुलिस आयुक्त, जिला शासक और राज्य के कानुन सह लोक निर्माण मंत्री मलय घटक से दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करने गुजारिश की क्योंकि कृष्णा प्रसाद का कहना था कि ऐसा करके यह शरारती तत्व आसनसोल के भाईचारगी के माहौल को बिगाड़ना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि घटना के बाद ली क्लब के सदस्यों के साथ साथ स्थानीय लोगों में भी काफी आक्रोश था। लेकिन उन्होंने सबको शांत किया और कहा कि जो भी विरोध जताया जाएगा वह कानुन के दायरे में किया जाएगा।