बाबरी विध्वंस मामला भारतीय संविधान पर संघ का आतंकवादी हमला रहा है – नंद बिहारी यादव
आसनसोल । शिल्पांचल के जाने माने अधिवक्ता और समाजवादी नेता नंद बिहारी यादव ने 6 दिसंबर 1992 के दिन को आजादी के बाद भारत के संविधान पर सबसे बड़ा आतंकवादी हमला बताया। बाबा साहब भीमराव अंबेडकर की पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि देने के उपरांत उन्होंने आगे कहा की 6 दिसंबर की घटना से भारत ही नहीं पूरे दुनिया में भारत को कलंकित किया गया क्योंकि आज के दिन जिस तरह से भारतीय संविधान पर संघ का आतंकवादी हमला हुआ और भारत के संविधान और उसकी धर्मनिरपेक्षता की अवधारणा को संघ नेतृत्व द्वारा नष्ट करने का प्रयास किया गया। वह भारत के लिए ही नहीं पूरी दुनिया के लोकतंत्र प्रणाली को चुनौती थी। उन्होंने इसे भारत के संविधान के लिए कलंकित दिवस बताया। उन्होंने कहा की गणतांत्रिक्र भारत दुनिया का सबसे बड़ा समाजवादी कल्याणकारी लोकतांत्रिक राष्ट्र है जिसके संविधान की मूल अवधारणा धर्मनिरपेक्षता एवं समाजवाद के आधार पर टिका हुआ है। पूरे दुनिया में भारत अपने आप में एक लोकतंत्र का सबसे बड़ा मिसाल रहा है। उसको कलकिंत करने के लिए आरएसएस और भाजपा के लोगों ने आज ही के दिन उत्तर प्रदेश के अयोध्या में स्थापित दुनिया के सबसे बड़े लोकतांत्रिक और धर्मनिरपेक्ष इस्लाम धर्म की पहचान बाबरी मस्जिद पर हमला करके संघ आतंकवादियों ने उसको नष्ट कर दिया। भारत के संविधान में आजादी के बाद संघ का सबसे बड़ा आतंकवादी हमला था। आश्चर्य है कि बाबरी मस्जिद के धर्मनिरपेक्ष और इस्लाम धर्म का प्रतीक था। उसको तोड़ने वालों के विरुद्ध वहां के स्थानीय थाना में मामला दर्ज हुआ और उसके बाद यह मुकदमा बहुत लंबे समय तक विचाराधीन रहा और इस मामले की विचार ट्रायल की प्रक्रिया पूरी होने के बाद इसमें संघ के नेता मुरली मनोहर जोशी, कल्याण सिंह, उमा भारती तथा अन्य धार्मिक हिंदूवादी आतंकवादी संगठन के नेता इसमें अभियुक्त बने। लेकिन आश्चर्य है कि पूरे क्रम में बाबरी मस्जिद को तोड़ने के बाद उक्त नेताओं ने नृत्य करते हुए उन्होंने कहा .
कि हम लोगों ने आज इस मस्जिद को तोड़कर अच्छा काम किया है और उन्होंने स्वतत सर्विसेज स्वीकार किया था। उसके बावजूद भी मुकदमे की प्रक्रिया में सबूत और गवाहों के बयान दर्ज होने के बाद पर्याप्त साक्ष्य होने के बाद भी सारे के सारे अभियुक्त निर्दोष बरी कर दिए गए । यह भारतीय न्यायपालिका पर प्रश्न चिन्ह है। जिस बाबरी विध्वंस का मामला भारत के सभी अखबारों में टेलीविजन में सारे सबूत प्रस्तुत किए उतना ही नहीं दुनिया भर में जो भी मीडिया थी उसने सबूत दिखाए। तोड़ते हुए दिखाया गया कौन-कौन व्यक्तियों ने मस्जिद को तोड़ा है और इस तोड़ने के बाद किन लोगों ने यह कहा कि हमने जो भी किया अच्छा किया। इन सबूतों के रहने के बावजूद भी न्यायालय ने अभियुक्तों को निर्दोष बरी कर दिया। यह अपने आप में यह भारतीय न्यायपालिका पर प्रश्न चिन्ह है। इसलिए इस बात को कहने में तनिक भी संकोच और संशय नहीं होना चाहिए कि भारतीय न्यायपालिका पर प्रश्न चिन्ह है और भारत की जनता का विश्वास अब पूरी तरह से खत्म हो रहा है। उन्होंने कहा कि भारतीय न्यायपालिका मनुवादी और ब्राह्मणवादी व्यवस्था के अधीन काम कर रही है। देश तोड़ने वाले आतंकवाद आतंकवादियों और देश को विध्वंस करने वाले तत्वों के हाथों में भारतीय न्यायपालिका पंगु बनकर जो अपने फैसले सुना रही है। यह भारत के गणतंत्र और भारत के संविधान पर सबसे बड़ा खतरा है। इससे देश के लोकतंत्र प्रणाली खत्म होने की आशंका है। ऐसे में देश की जनता को भारत के संविधान को बचाने के लिए भारत के लोकतंत्र को बचाने के लिए जन आंदोलन, जन जागृति और संघ जैसे धार्मिक आतंकवादी संगठन को भारत से पूरी तरह से समूल नष्ट कर गणतंत्र और स्वस्थ भारत संवैधानिक भारत जनतांत्रिक भारत के मान सम्मान और लोकतांत्रिक्र प्रणाली को जिंदा रखने के लिए देश की जनता को आगे आना होगा। श्री यादव ने आगे कहा कि देश की जनता जो भारत के संविधान लोकतंत्र धर्मनिरपेक्षता एवं समाजवाद में विश्वास करते हैं। आस्था रखते है जो भारत के मूल नागरिक है। वह आज के दिन शपथ ले कि भारत के संविधान की रक्षा उन्हें हर कीमत पर करनी है। यही बाबा साहब भीमराव अंबेडकर को सबसे बड़ी श्रद्धांजलि होगी।