“लोक शिकायत निवारण पर विचार” पुस्तक का विमोचन – सोच का एक नया क्षितिज
आसनसोल । भारत में पहली बार, आसनसोल के सालनपुर का एक युवक सौविक ठाकुर ने लोक शिकायत निवारण पर अपने सामाजिक अनुभव के आधार पर अपनी पुस्तक “भावना” – ए न्यू होराइजन ऑफ थिंकिंग का विमोचन किया। पुस्तक का विमोचन एडीडीए अध्यक्ष व रानीगंज विधायक तापस बनर्जी, आसनसोल रामकृष्ण मिशन सचिव महाराज स्वामी सौमतमानंदजी, जिला डीपीआरडीओ तमोजीत चक्रवर्ती और वरिष्ठ पत्रकार विश्वदेव भट्टाचार्य ने बुधवार को एडीडीए मुख्यालय के सम्मेलन कक्ष में किया। बासुदेव मंडल ने धन्यवाद ज्ञापित किया। अन्य लोगों में रामानंद ठाकुर, शंख चौधरी और आसनसोल के कई पत्रकार भी मौजूद थे। पुस्तक का विमोचन करने के बाद, तापस बनर्जी ने कहा, “यह एक सूचनात्मक पुस्तक है और निश्चित रूप से यह एक शोध पुस्तक है। इस उम्र में इस शोध पुस्तक को लिखना वाकई काबिले तारीफ है। इसका लाभ सभी को मिलेगा। हमारे राज्य में विभिन्न विकास योजनाओं के आंकड़ों वाली किताब लिखना कोई छोटी बात नहीं है। इन सभी पुस्तकों को प्रशासनिक पहलुओं पर गहराई के बिना लिखना संभव नहीं है। मैंने यह भी सुना है कि लेखक ने डब्ल्यूबीसीएस प्रारंभिक परीक्षा उत्तीर्ण की है। मैं उसे भविष्य में सफलता की कामना करता हूं। इस संबंध में सौमतमानन्दजी ने कहा, “मैं इस उम्र के एक युवक को इतनी गहरी किताब लिखने के लिए बधाई देता हूं। परिणाम तभी देखा जा सकता है जब किताब लोगों तक पहुंचे। लेखक को मेरी शुभकामनाएं और बधाई। प्रमुख पत्रकार और सामाजिक कार्यकर्ता विश्वदेव भट्टाचार्य ने कहा कि सौरव सामाजिक कार्य में शामिल होकर भावना नामक एक सामाजिक संगठन से जुड़कर शोध कार्य करने के लिए प्रोत्साहित हुए। रामकृष्ण मिशन के इस पूर्व छात्र का विचार आने वाले दिनों में किसी भी संकटग्रस्त और परेशान लोगों के साथ खड़ा होना और सही मायनों में लोगों की सेवा करना है। इस पुस्तक में कुछ उदाहरण हैं कि कैसे इस राज्य की मुख्यमंत्री ने समस्या को हल करने का एक आसान तरीका दिखाया। लेखक सौरव ठाकुर ने कहा कि पुस्तक में माननीय मुख्यमंत्री के प्रतिबिंब परिलक्षित होते हैं। मौजूदा समय में 1 फीसदी बुरे पहलू पर ज्यादा ध्यान दिया जा रहा हैं। लेकिन उस काम के 99 प्रतिशत अच्छे पहलू छिपे रहते हैं। इस पुस्तक में हमारे जिले में विभिन्न शिकायतों के बारे में लिखा गया है कि क्या शिकायतें दर्ज की जाती हैं या कितनी जल्दी उनका समाधान किया जाता है। सरकार ने अब तक “शिकायत निवारण” पर कई पुस्तकें प्रकाशित की हैं लेकिन यह पुस्तक सामाजिक अनुभव “शिकायत निवारण” के बारे में लिखी गई है। इसमें डीएम के आदेश, पर्यावरण विभाग के विशेष सचिव के आदेश, बीएलआरओ के आदेश आदि जैसे विभिन्न पत्र और आदेश दिए गए हैं। पुस्तक में सरकार के स्कॉच अवार्ड से लेकर दुआरे सरकार की सफलता तक की बहुत सारी जानकारी है।