हिंदी हमारे रंगकर्मियों के मंच-संप्रेषण की भाषा बन गयी है – ब्रजेश कुमार त्रिपाठी
आसनसोल । आसनसोल डुरंड के विवेकानंद इंस्टीच्यूट का ऐतिहासिक मंच रेलवे के नाट्य-कर्मियों की मंचीय प्रस्तुतियों से जीवंत हो उठा। मंडल रेल प्रबंधक परमानंद शर्मा की अध्यक्षता और अपर मुख्य राजभाषा अधिकारी – सह-अपर मंडल रेल प्रबंधक ब्रजेश कुमार त्रिपाठी, अपर मंडल रेल प्रबंधक-। मुकेश कुमार मीणा एवं शाखा अधिकारियों की गरिमामयी उपस्थिति तथा दर्शकों से खचाखच भरे इंस्टीच्यूट के मंच पर नाट्य-कर्मियों ने अपनी-अपनी रचनात्मक प्रस्तुति दी। ‘बेटी बचाओ : बेटी पढ़ाओ’ जैसे सूत्र-संदेश को केंद्र बनाकर बॉक्स ‘एन’/डिपो/अंडाल के मंचित नाटक की मार्मिकता ने संपूर्ण दर्शक-दीर्घा को भाव-पाश में बांध लिया। शीर्षेंदु सेनगुप्त चल टिकट निरीक्षक मधुपुर की नाट्य-प्रस्तुति ‘एक शराबी का इंटरव्यू’ के सापेक्ष में बॉक्स ‘एन’ डिपो की महिलाओं की नाट्य टीम कुछ ज्यादा अच्छा कर गयी और यही टीम ‘मंडल हिंदी नाट्य प्रतियोगिता’ की विजेता बनकर उभरी। मंडल रेल प्रबंधक परमानंद शर्मा ने बॉक्स एन डिपो की नाट्य टीम को प्रोत्साहित करते हुए कहा कि कुछेक छोटी-मोटी तकनीकी बाधाओं के बावजूद जिस प्रकार आपलोग अपने नाटक के संदेश संप्रेषित करने में सफल हुए हैं, वह काबिले-तारीफ है। इन कमियों को दूर कर लें तो आपलोग ‘क्षेत्रीय स्तर की नाट्य-प्रतियोगिता में काफी अच्छा करेंगी। अपर मुख्य राजभाषा अधिकारी श्री त्रिपाठी ने राजभाषा विभाग के तत्वावधान में आयोजित इस रचनात्मक कार्यक्रम की भरपूर प्रशंसा की और नाट्य टीम का हौसला बढ़ाया। चंद्र मोहन मिश्र वरिष्ठ मंडल सुरक्षा आयुक्त, अजय कुमार वरिष्ठ मंडल विद्युत इंजीनियर सामान्य और राजभाषा अधिकारी डॉ. मधुसूदन दत्त की मूल्यांकन-टीम के निर्णय के आधार पर अपर मंडल रेल प्रबंधक-। मुकेश कुमार मीणा ने इसके परिणाम घोषणा की। अपर मुराधि श्री त्रिपाठी ने इस पर संतोष व्यक्त करते हुए कहा कि आज के दोनों मंचित नाटकों में मुझे अनेक सृजनात्मक विशेषताए देखने को मिली हैं, जैसे कि – सबसे बड़ी बात तो यह रही कि इन नाटकों के सभी रंगकर्मी बंगला भाषी हैं और इन्होंने ‘हिंदी नाट्य प्रतियोगिता’ में भाग लिया और इसके विजेता एवं उप विजेता बने। उन्होंने आगे कहा कि मुझे बड़ा अच्छा लगा कि हिंदी हमारे रंगकर्मियों के मंच-संप्रेषण की भाषा बन गयी है। विजेता टीम की सबसे बड़ी विशेषता यह रही कि अलग-अलग आयु-वर्ग की सभी बंगलाभाषी महिला रेलकर्मी हैं। यहां तक कि पुरुष-पात्र राजेश की भूमिका भी पियाली कुंडू ने निभायी। विजेता बनने के बाद बॉक्स एन’ टीम के सदस्यों का उल्लास और उत्साह देखने लायक था। जब राजभाषा अधिकारी द्वारा डॉ. दत्त द्वारा यह घोषणा की गयी कि इस टीम को ‘क्षेत्रीय रेल स्तर की हिंदी नाट्य-प्रतियोगिता’ में भाग लेने का अवसर मिलेगा तो सदस्यों की खुशी देखने लायक थी। अपर मुराधि श्री त्रिपाठी ने नाट्य टीम का उत्साह बढ़ाते हुए शुभकामनाएं दी कि आप लोग क्षेत्रीय स्तर की नाट्य प्रतियोगिता में भी विजेता-टीम बनकर लौटें। दर्शकों ने हर्ष-घ्वनि के साथ समर्थन किया।