धांडाडीह ग्राम के लोग हो रहे हैं अवैध खनन का शिकार
धांडाडीह ग्राम के लोग हो रहे हैं अवैध खनन का शिकार
खुलकर चल रहा है रात के अंधेरे में अवैध कोयला का कारोबार
पीड़ित गांव के लोगों की प्रशासन भी नहीं सुन रही है गुहार
अंडाल । धांडाडीह गांव के लोगों के जीवन को दांव पर रखकर कोयला माफिया कोयले की तस्करी कर रहे है। जिसका खामियाजा धांडाडीह गांव के तमाम लोगों को भुगतना पड़ रहा है। दरअसल धांडाडीह ग्राम में एक बार फिर भूधंसान का मामला सामने आया है, जिसके बाद स्थानीय लोगों में आतंक पसर गया। धांडाडीह ग्राम में स्थित पुराने तालाब में अचानक भू धंसान होने से स्थानीय लोगों में भय का माहौल है। इस विषय में स्थानीय लोगों का कहना है कि इलाके में अवैध कोयला खनन के कारण धांडाडीह ग्राम में भू धंसान की घटना हुई है। स्थानीय लोगों ने ग्राम में हुए इस घटना के लिए ईसीएल प्रशासन और सत्तापक्ष को जिम्मेदार ठहराया है। लोगों का ऐसा कहना है कि प्रशासन सब कुछ जानते हुए भी लोगों के हित में कोई काम नहीं कर रही है। कोयला माफियाओं के साथ अवैध कोयला तस्करी में उनका साथ दे रही है। गांव के लोगों ने बताया कि गांव से सटे एक बंद ओसीपी में रात के अंधेरे में कोयला माफिया कोयले की तस्करी कर रहे हैं। पश्चिम बंगाल में कोयला बंद होने के बावजूद भी कुछ कोयला माफियाओं के द्वारा कोयला तस्करी खुलेआम किया जा रहा हैं। लेकिन हैरान कर देने वाली बात यह है कि क्या वाकई इसकी जानकारी ईसीएल प्रशासन को नहीं है या फिर इसे प्रशासन भी इसे अनदेखा करने की कोशिश कर रही है। एक तरफ जहां अवैध कोयला खनन के कारण कोई बड़ी दुर्घटना होती है तो केंद्र सरकार और राज्य सरकार दोनों ही अपना पल्ला झाड़ते हुए नजर आते हैं। लेकिन सवाल यह खड़ा होता है कि आखिर कब तक आम जनता इन कोयला माफियाओं के अवैध कोयला कारोबार का शिकार होते रहेंगे।