बर्नपुर में फिर चालू हो गया बालू का अवैध धंधा, प्रशासन मौन
बर्नपुर । बीते दिनों सड़क दुर्घटना में बालू की ट्रैक से दबकर 2 लोगों की मृत्यु हो गई थी, जिसके बाद से बालू वाहनों की आवाजाही इस इलाके में बंद कर दी गई थी। वहीं एक बार फिर बालू का अवैध कारोबार बर्नपुर अंचल में शुरू हो गया है। इसे शुरू करने वाले लोकल स्तर के 12 सिंडिकेट है। जिसमें से चार से पांच लोग मुख्य स्तर पर बालू का अवैध कारोबार को अंजाम दे रहे हैं। इसमें से कुछ काला झरिया और धेनुवा के बताए जाते हैं। वहीं स्थानीय सूत्रों की माने तो इस कारोबार से जुड़े लोगों में ए मंडल, पी मल्लिक, एस लायक, जीके बाउड़ी सहित अन्य है। वहीं स्थानीय सूत्रों की मानें तो प्रत्येक दिन 40 से अधिक ट्रैक्टर पुलिस के नाक के नीचे से निकाला जा रहा है। बालू से भरा ट्रैक्टर रात के अंधेरे में निकलते हुए स्थानीय स्तर पर आवश्यकतानुसार की जाती है। प्रत्येक ट्रैक्टर वालों की कीमत होती है पंद्रह सौ रुपया। दामोदर के काला झरिया धेनुवा घाट से निकाली जा रही है। सुबह से ही मजदूरों को 400 रुपया की हाजिरी देकर बालू लोडिंग कराई जाती है। बालू लोड कर घाट पर रखा जाता है और रात के अंधेरे में ट्रैक्टर निकलता है। प्रत्येक बालू के ट्रैक्टर की कीमत 1500 रुपया है। बालू निकालने से पीएचपी पंप हाउस को खतरा काला झरिया धेनुवा के उस इलाके से बालू की चोरी होती है जहां पर पीएच पीएचई पंप हाउस का मोटा पिलर है यहां बरसों से पहले पीठ ठाकुर का बालू घाट चलता था मगर पीएचई पंप हाउस को खतरा न हो इसे लेकर वहां की बालू घाट को बंद कर दिया गया। वहीं इन दिनों फिर से बालू चोरी वहीं से किया जा रहा है जिससे एक बार फिर से पीएचपी पंप हाउस के लिए खतरा उत्पन्न हो गया है। कभी भी यहां का पिलर ढह सकता है मगर प्रशासन इस बात से पूरी तरह से अनजान बना हुआ है।