आसनसोल। आसनसोल के सेनरेले इलाके के कन्यापुर हाई स्कूल के समक्ष मैदान में सप्तहव्यापी श्रीमद्भागवत कथा ज्ञानभक्ति महायज्ञ श्री श्याम सुंदर दास जी महाराज के तत्वावधान में एवं ननी गोपाल मंडल, शांतारानी मंडल, जयदेव मंडल, सुकदेव मंडल, बुद्धदेव मंडल सहित पूरा मंडल परिवार की ओर से शुभारंभ हुआ। वृंदावन से श्रद्धेय अनिरुद्ध जी महाराज भागवत कथा पाठ कर रहे हैं। शनिवार इसका तीसरा दिन था। तीसरे दिन भी हजारों की तादाद में श्रद्धालु और उनके भक्त श्रीमद्भागवत पाठ का श्रवण करने मैदान में पहुंचे। श्री अनिरुद्धाचार्य जी महाराज ने उपस्थित भक्त मंडली के सामने श्रीमद् भागवत गीता का सुनाया। उन्होंने कहा कि मन पर नियंत्रण करना सबसे बड़ा काम है। उन्होंने कहा कि अगर कोई इंसान पूरे विश्व को जीत रहता है। लेकिन अपने मन पर काबू नहीं पा सकता तो उसे विजयी नहीं कहा जा सकता। असली विजय तब होती है जब कोई अपने मन पर नियंत्रण पा लेता है। उन्होंने मन की तुलना एक प्रेत से की जिस पर नियंत्रण करना अति आवश्यक है। उन्होंने कहा कि एक संत ने एक प्रेस पर सिद्धि प्राप्त कर ली थी। वह प्रेत उसकी हर बात मानता था। लेकिन उसे हमेशा काम बताना पड़ता था। काम बताते बताते संत जब परेशान हो गए तो वह अपने गुरुजी के पास गए। गुरुजी ने उन्हें बताया कि उस प्रेत को हमेशा किसी न किसी काम में हो ही जाए रखने की जरूरत है। वरना वह प्रेत उस पर हावी हो जाएगा। ठीक वैसे ही मन को भी व्यस्त रखने की आवश्यकता है।
Video Player
Media error: Format(s) not supported or source(s) not found
क्योंकि खाली दिमाग शैतान का घर होता है। वहीं लोगों द्वारा अपने जीवन को लेकर अत्यधिक चिंतित रहने के विषय पर बोलते हुए अनिरुद्ध आचार्य जी महाराज ने कहा कि अगर किसी को भगवान पर भरोसा है तो उसे चिंतित होने की आवश्यकता ही नहीं है। क्योंकि जिसे भगवान पर सही मायने में भरोसा है। उसके मन में इतना विश्वास रहता है कि वह चिंतित हो ही नहीं सकता है।