दुर्गापुर में अभिषेक बनर्जी पत्रकारों के सवालों का दिया जबाव
दुर्गापुर । तृणमूल कांग्रेस के महासचिव अभिषेक बनर्जी अपने जनसंपर्क यात्रा के दौरान गुरुवार दुर्गापुर में पत्रकारों से बात चीत किया। पत्रकारों ने पूछा कि पश्चिम बंगाल सरकार द्वारा पश्चिम बंगाल पब्लिक सर्विस कमिशन की परीक्षा में हिंदी, उर्दू और संथाली भाषा हटाने का निर्देश दिया है। अभिषेक बनर्जी ने कहा कि उस पर चर्चा होनी चाहिए। उस पर बातचीत होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि यही एक स्वस्थ लोकतंत्र की पहचान है। हालांकि उन्होंने पत्रकारों से उल्टा यह सवाल भी किया कि क्या वह इस तरह के कड़वे सवाल भाजपा नेताओं से कर सकते हैं। उन्होंने खुद ही इसका जवाब देते हुए कहा कि कोई भी पत्रकार भाजपा नेताओं से इस तरह के कड़वे सवाल नहीं कर सकता। क्योंकि उसके अगले ही दिन उस पत्रकार के खिलाफ केंद्रीय जांच एजेंसियों को लगा दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल में ऐसा नहीं होता है। पश्चिम बंगाल सरकार कड़वे सवालों का उत्तर देने के लिए तैयार है। वहीं वह जिस तरह की जनसंपर्क यात्रा पर निकले हैं। अन्य प्रदर्शनकारी युवा नेता भी इस तरह की यात्राओं पर निकलने का सोच रहे है। इस बारे में अभिषेक बनर्जी ने कहा कि सभी को इस तरह की यात्राएं करनी चाहिए। क्योंकि इससे लोगों के साथ सीधा संपर्क स्थापित होता है। उन्होंने कहा कि वह कोई पहले व्यक्ति नहीं है जो इस तरह की यात्राएं कर रहे हैं। महात्मा गांधी ने इस तरह की यात्राओं की शुरुआत की थी और वह महात्मा गांधी को आदर्श मानकर राजनीति करते है। इसीलिए वह यात्रा कर रहे हैं। ताकि लोगों के साथ सीधा संपर्क स्थापित किया जा सके और उनकी तकलीफों को उनकी परेशानियों को वह समझ सके और उनकी समस्या का समाधान निकालने की कोशिश करें। उन्होंने कहा कि पंचायत के विचारधारा महात्मा गांधी से ही आती है। इसलिए इस तरह की यात्रा की जा रही है। अभिषेक बनर्जी ने कहा कि इस यात्रा का मकसद जिस तरह से बंगाल की जनता के साथ सीधा संपर्क स्थापित करना है। ठीक उसी तरह बंगाल की जनता को सच्चाई से अवगत कराना भी है। उन्होंने कहा कि जिस तरह से केंद्र सरकार ने बंगाल का जायज पैसा रोक के रखा है। उसके बारे में लोगों को सही जानकारी नहीं है। इस यात्रा के जरिए लोगों तक इस बारे में भी सही जानकारी पहुंचाना चाहते है।