विद्रोही कवि काजी नजरुल इस्लाम की जयंती किया गया पालन
कुल्टी । नियामतपुर सेंट्रल भाजपा (कुल्टी विधानसभा) कार्यालय में बुधवार शाम काजी नजरुल इस्लाम का जयंती भाजपा आसनसोल जिला अल्पसंख्यक मोर्चा की ओर से मनाया गया। जयंती कार्यक्रम में अल्पसंख्यक मोर्चा के अध्यक्ष अबरार अहमद, जिला के उपाध्यक्ष दिलबरजान खान, सचिव जाकिर हुसैन, मंडल अध्यक्ष मुख्तार अंसारी, मोहमद साईद, मुबारक शेख के साथ विशेष रुप से उपस्थित थे, प्रदेश भाजपा सदस्य विवेकानंद भट्टाचार्य, ओबीसी मोर्चा के केंद्रीय सदस्य शंकर चौधरी, कुल्टी भाजपा के वरिष्ठ युवा नेता टिंकु वर्मा, कुल्टी मंडल 3 के उपाध्यक्ष मनोज सिंह(कवि), उपाध्यक्ष शंकर यादव, कुल्टी मंडल 4 के उपाध्यक्ष काजल दास, महेश सिंह, निर्मल गुप्ता, सुनील सरकार के साथ काफी संख्या में भाजपा कर्मी उपस्थित थे। प्रदेश सदस्य विवेकानंद भट्टाचार्य ने कहा काजी नजरुल इस्लाम का जन्म भारत के पश्चिम बंगाल प्रदेश के बर्दवान जिला में आसनसोल के पास चुरुलिया नामक गांव में एक दरिद्र मुस्लिम परिवार में हुआ था। उनकी प्राथमिक शिक्षा धार्मिक रूप में हुई। किशोरावस्था में विभिन्न थिएटर दलों के साथ काम करते-करते काजी नजरुल इस्लाम ने कविता, नाटक एवं साहित्य के सम्बन्ध में सम्यक ज्ञान प्राप्त किया। भाजपा कुल्टी युवा नेता टिंकु वर्मा ने कहा उन्हें वर्ष 1960 में साहित्य एवं शिक्षा के क्षेत्र में योगदान के लिए ‘पद्म भूषण’ से सम्मानित किया गया था। काजी नजरुल इस्लाम बांग्ला भाषा के अन्यतम साहित्यकार, देशप्रेमी थे। पश्चिम बंगाल और बांग्ला देश दोनों ही जगह उनकी कविता और गान को समान आदर प्राप्त है। उनकी कविता में विद्रोह के स्वर होने के कारण उनको ‘विद्रोही कवि’ के नाम से जाना जाता है। उनकी कविता का वर्ण्य विषय ‘मनुष्य के ऊपर मनुष्य का अत्याचार’ तथा ‘सामाजिक अनाचार तथा शोषण के विरुद्ध सोच्चार प्रतिवाद’ है। श्री वर्मा ने कहा नजरुल संगीत’ या ‘नजरुल गीति’ काजी नजरुल इस्लाम ने लगभग 3000 गानों की रचना की तथा साथ ही अधिकांश को स्वर भी दिया। इनको आजकल ‘नजरुल संगीत’ या ‘नजरुल गीति’ नाम से जाना जाता है।