डॉक्टर लोहिया के सिद्धांत का अनुकरण गरीब दलित पिछड़े अल्पसंख्यकों का भविष्य की रोशनी है – नंद बिहारी यादव
कुल्टी । बराकर के बलतोरिया स्थित लोहिया विद्यापीठ विद्यालय के 26वां स्थापना दिवस के अवसर पर सांस्कृतिक कार्यक्रम एवं माध्यमिक परीक्षा में उत्तीर्ण हुए छात्रों को पुरस्कार वितरण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम का उदघाटन सर्वप्रथम विद्यालय प्रबंधन समिति के अध्यक्ष डॉ. मुरलीधर यादव एवं कार्यक्रम में उपस्थित मुख्य अतिथि शिल्पांचल के जाने-माने वरिष्ठ अधिवक्ता एवं समाजवादी नेता नंद बिहारी यादव, जनता मजदूर संघ के श्रमिक नेता सुभाष सिंह एवं विद्यालय प्रबंधन समिति के सचिव मुरलीधर यादव सहित अन्य गणमान्य व्यक्तियों ने सामूहिक रुप से दीप प्रज्वलित कर किया। तत्पश्चात विद्यालय के माध्यमिक परीक्षा में विद्यालय के सभी छात्र प्रथम श्रेणी में उत्तीर्ण हुए है। उन को पुरस्कार वितरित करके सम्मानित किया गया। साथ ही साथ विद्यालय से माध्यमिक पास किए हुए पुराने छात्रों को भी मंच पर बुलाकर सम्मानित किया गया। इस कार्यक्रम में विद्यालय की बेटियों ने रंगारंग एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम का प्रदर्शन किया। शिक्षक और शिक्षिकाओं ने कार्यक्रम के संबोधन को विद्यालय के प्रगति एवं विद्यालय के छात्रों के विकास के लिए कई तरह के संबोधन किए। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्य अतिथि समाजवादी नेता नंद बिहारी यादव ने कहा डॉ. राम मनोहर लोहिया के दर्शन के अनुसार विश्वविद्यालय की स्थापना 1997 में 26 वर्ष पूर्व की गई थी। बड़ा करके इस पिछड़े इलाके में जहां गरीब, दलित, पिछड़े बच्चे रहते थे। जहां हजारों परिवार जहां रोटी रोजी कमाने वाले लोग जिनके बच्चे शिक्षा के मौलिक अधिकार से वंचित रह जाते थे। उनको शिक्षित करने के उद्देश्य से यहां विद्यालय की स्थापना की गई थी। उन्होंने आगे बताया कि विद्यालय से हजारों बच्चों को शिक्षित किया गया और आज विद्यालय उच्च माध्यमिक 12वीं क्लास तक शिक्षा दे रहा है। जहां कला विज्ञान एवं वाणिज्य की शिक्षा तथा कंप्यूटर शिक्षा देने की व्यवस्था है। उन्होंने देश में शिक्षा की देश में शिक्षा में प्रदर्शन करते हुए अपने माता-पिता समाज और देश का नाम ऊंचा कर रही है। उन्होंने कहा कि इस विद्यालय से मुझे उम्मीद है कि डीएम और एसपी भी यहां के छात्र बनेंगे। यहां आईएएस और आईपीएस परीक्षा में भी बच्चे निकले । क्योंकि देश में गरीब, दलित, पिछड़ों के बच्चों ने पूरे देश में संघ लोक सेवा आयोग की परीक्षाओं में अग्रणी भूमिका सफल होकर निभा रहे हैं। उन्होंने विद्यालय प्रबंधन समिति में प्रस्ताव दिया की महीने या सप्ताह में एक बार भारत के संविधान के शिक्षा विद्यालय के नवमी और दशमी वर्ग के विद्यार्थियों को दिया जाए जिससे कि लोक प्रशासन और संविधान की जानकारी बच्चों में हो। वह ताकि वह अपने मौलिक अधिकार को समझ सके जिससे कि देश और समाज में आने वाले समय में पशुओं की भूमिका महत्वपूर्ण होगी। इस अवसर पर गणमान्य उपस्थित देखते हैं। मुख्य रूप से शिक्षक और शिक्षिकाओं ने उन्हें स्वागत किया तथा कार्यक्रम का समापन और अध्यक्ष के भाषण प्रबंधन समिति के अध्यक्ष मुरलीधर यादव ने किया।