बच्चे को सामाजिक दृष्टि से जिम्मेदार बनाना चाहिए – विनोद केडिया
आसनसोल । आसनसोल के विशिष्ट समाजसेवी सह उद्योगपति विनोद केडिया और उनके पोते द्वारा आसनसोल के तीन जगहों पर करीब 300 से ज्यादा जरूरतमंदों को भोजन का पैकेट बांटा गया। आसनसोल के शनि मंदिर, उषाग्राम दुर्गा मंदिर और मां घाघर बुढी मंदिर परिसर में शनिवार यह अभियान चलाया गया। इस संबंध में विनोद केडिया ने बताया कि उनके पोते की शनिवार छुट्टी रहती है। इसलिए शहर के तीन जगहों पर जरूरतमंदों को भोजन बांटा गया। इस कार्य में अपने पोते श्रेष्ठा केडिया को भी सम्मिलित किया है। ताकि वह अभी से सामाजिक कार्यों में दिलचस्पी लेना शुरू करें। वहीं विनोद केडिया ने कहा कि शोध बताते हैं कि जिन बच्चों के मां-बाप, दादा – दादी समाज सेवा के कार्य करते हैं, बड़े होने पर समाज सेवा के कार्यों में हिस्सेदारी करने की उनकी संभावना, अन्य लोगों की तुलना में दोगुनी होती है। बच्चों को सामाजिक जिम्मेदारी सिखाने का एक लाभ यह होता है कि उन्हें किसी भी स्थान और समय पर समस्याओं को सुलझाना आ जाता है। अधिकांश भारतीय अभिभावक, निर्णय लेने की प्रक्रिया में बच्चों को हिस्सेदार नहीं बनाते और उनकी ओर से निर्णय लेते रहते हैं। और फिर, हमें तब आश्चर्य होता है जब हम यह पाते हैं कि यही बच्चे बड़े होने पर निर्णय लेने से घबराते हैं और समस्याओं को सुलझाने की क्षमता उनमें नहीं होती। यह भारतीय संस्कृति का एक दुर्भाग्यपूर्ण पक्ष है। हमें अपने बच्चों को यह सिखाना चाहिए कि वे सोच-समझकर निर्णय कैसे लें। इस संदर्भ में किताबों की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण है। बच्चों को अपने नायक अच्छे लगते हैं और उन्हें सामाजिक जिम्मेदारी सिखाने का इससे बेहतर तरीका क्या हो सकता है कि हम उनका परिचय ऐसी किताबों से करवाएं, जो उन्हें उनकी सामाजिक जिम्मेदारी का अहसास कराएं। विनोद केडिया ने कहा कि अभिभावक अपने बच्चों को सही राह दिखाने के लिए सामाजिक कार्यों में हिस्सा भी ले सकते हैं। हमारी दुनिया को बेहतर बनाने के काम में जुट सकें तो इससे अच्छा कुछ नहीं होगा। हमारे बच्चों पर हमारे शब्दों से ज्यादा हमारे कार्यों का प्रभाव पड़ता है। विनोद केडिया कहा कि उनके नक्शे कदमों पर उनका पोता श्रेष्ठा केडिया चल रहा है। विनोद केडिया का सामाजिक और धार्मिक कार्यों में सहयोगिता का अपना एक इतिहास है। वहीं इस बारे में श्रेष्ठा केडिया ने बताया कि आज उनके दादाजी के साथ इस अभियान में सम्मिलित होकर उन्हें बहुत अच्छा लग रहा है और भविष्य में भी वह इस तरह के काम करते रहना चाहते है।