सात दिवसीय शिव महापुराण कथा का समापन
आसनसोल । नारायणी महिला शक्ति समिति द्वारा आसनसोल के रानीसती दादी मंदिर में 18 से 24 जुलाई तक श्री शिव महापुराण कथा का आयोजन किया गया था। जिसका सोमवार को समापन किया गया। समापन के दिन कथावाचक पंडित संजय जी शास्त्री ने कहा की काशी विश्वनाथ मंदिर बारह ज्योतिर्लिंगों में से एक है। यह मंदिर पिछले कई हजार वर्षों से वाराणसी में स्थित है। काशी विश्वनाथ मंदिर का हिंदू धर्म में एक विशिष्ट स्थान है। ऐसा माना जाता है कि एक बार इस मंदिर के दर्शन करने और पवित्र गंगा में स्नान कर लेने से मोक्ष की प्राप्ति होती है। इस मंदिर में दर्शन करने के लिए आदि शंकराचार्य, सन्त एकनाथ, गोस्वामी तुलसीदास सभी का आगमन हुआ है। यहीं पर सन्त एकनाथजी ने वारकरी सम्प्रदाय का महान ग्रन्थ श्रीएकनाथी भागवत लिखकर पूरा किया और काशीनरेश तथा विद्वतजनों द्वारा उस ग्रन्थ की हाथी पर धूमधाम से शोभायात्रा निकाली गयी। महाशिवरात्रि की मध्य रात्रि में प्रमुख मंदिरों से भव्य शोभा यात्रा ढोल नगाड़े इत्यादि के साथ बाबा विश्वनाथ जी के मंदिर तक जाती है। मंगलवार की सुबह हवन और पूर्णाहुति के साथ शिव महापुराण कथा का समापन होगा। मौके पर शशि अग्रवाल, मंजू शर्मा, पुष्पा माखरिया, मीरा खेमानी, इंद्रा सिंघानिया, सरिता संतोरिया, उषा शर्मा, आशा अग्रवाल, प्रेमा खेमानी, कविता अग्रवाल, बबिता अग्रवाल, पिंकी अग्रवाल, लक्ष्मी काछवाल, सरिता भोजगरिया, अनिता टिवरेवाल, सियाराम अग्रवाल, महेश शर्मा, सुरेन जालान, रतन दीवान, सुरेश भजगोरिया, आनंद अग्रवाल, अरविंद अग्रवाल, गोपाल सिंघानिया, श्याम सुंदर दारुका, पवन अग्रवाल, मोनू अग्रवाल, राहुल माखारिया, मोनू शर्मा, अशोक संतोरिया, नितेश जालूका सहित पूरे समिति के सदस्य मौजूद थे।