अलार्म जंजीर खींचने का खतरा
आसनसोल । यद्यपि भारतीय रेलवे अपने नियंत्रण में चलने वाली ट्रेनों की समयबद्धता बनाए रखने के लिए कड़ी मेहनत कर रहा है, लेकिन क्षेत्रीय रेल स्तर के साथ-साथ राष्ट्रीय स्तर पर ट्रेनों के विलंबित संचालन के लिए अलार्म जंजीर खींचने (अलार्म चेन पुलिंग/एसीपी) के खतरे को प्रमुख कारकों में से एक माना जाता है। 2023 के दौरान (अर्थात् जनवरी-2023 से जून-2023 तक), आसनसोल मंडल में 468 लोगों को गिरफ्तार किया गया और मुकदमा चलाया गया, जबकि इस दौरान 2.62 लाख रुपये का जुर्माना वसूला गया और अलार्म जंजीर खींचने के 476 मामले दर्ज किए गए। इससे सबसे अधिक प्रभावित रेलगाड़ियाँ हैं – 12352 डाउन राजेंद्रनगर-हावड़ा एक्सप्रेस, 18183 अप टाटानगर-दानापुर एक्सप्रेस, 15027 अप मौर्य एक्सप्रेस, 18184 डाउन दानापुर-टाटानगर एक्सप्रेस, 13288 डाउन साउथ बिहार एक्सप्रेस और 12304 डाउन पूर्वा एक्सप्रेस।
आसनसोल मंडल में सबसे अधिक अलार्म जंजीर खींचे जाने वाले प्रभावित स्टेशन और सेक्शन जसीडीह, आसनसोल, दुर्गापुर, जामताड़ा और मधुपुर स्टेशन और कासीटांड़-विद्यासागर, सालानपुर-सीतारामपुर, बोदमा-जामताड़ा, तुलसीटांड़-लाहाबन और आसनसोल-निमचा सेक्शन के बीच हैं। इसके अलावा, यदि स्टेशन परिसर में अलार्म जंजीर खींचा (एसीपी) जाता है, तो ड्यूटी पर मौजूद आरपीएफ स्टाफ को उक्त एसीपी कोच में जाना होता है और संबंधित यात्री से एसीपी की तर्कसंगतता के बारे में जांच करनी होती है। हालाँकि, कुछ प्रीमियम ट्रेनों में, ऑन ड्यूटी मैकेनिकल (कैरिज और वैगन) स्टाफ को एसीपी के मामले को देखना पड़ता है और उक्त उपकरण को रीसेट करना पड़ता है। अधिकांश मामलों में गार्ड और ड्राइवर को भी एसीपी के मामले को देखना पड़ता है, जिसके परिणामस्वरूप संबंधित ट्रेन रुक जाती है और उक्त सेक्शन में अनुवर्ती ट्रेनों की समयपालन में कमी आती है। यह बार-बार दोहराया जाता है कि बिना वैध कारण के चेन खींचना भारतीय रेलवे अधिनियम की धारा 141 के तहत एक दंडनीय अपराध है, जिसके अनुसार यदि कोई यात्री किसी भी पर्याप्त कारण के बिना ट्रेन के प्रभारी रेलवे कर्मियों और यात्रियों के बीच संचार में हस्तक्षेप का कारण बनता है, तो व्यक्ति को दोषी ठहराया जाएगा, जिसमें एक वर्ष तक कारावास या 1,000 रुपये तक जुर्माना या दोनों हो सकते हैं। अलार्म जंजीर खींचने के खतरे के संबंध में यात्रियों के बीच जागरुकता लाने हेतु रेलवे परिसरों, ट्रेनों में पोस्टर चिपकाकर तथा उनके बीच इश्तेहार का वितरण करते हुए रेलवे द्वारा इस आशय का अभियान शुरू किया जा रहा है।