चंद्रयान 3 की सफल लैंडिंग के साथ अब चंद्रमा के जीवन में भी कुछ सेल की भी भूमिका
बर्नपुर । चंद्रयान 3 की सफल लैंडिंग के साथ अब
चंद्रमा के जीवन में भी कुछ सेल है। हाल ही में इसरो (भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन) ने आवश्यक गुणवत्ता प्रोटोकॉल के साथ विशेष ग्रेड स्टेनलेस स्टील के विकास और आपूर्ति के लिए सेल के सेलम स्टील प्लांट को स्वीकार किया और सराहना की, जिसका उपयोग क्रायोजेनिक रॉकेट इंजन के निर्माण के लिए किया गया था। ‘मेक इन इंडिया’ पहल के तहत, इसरो के लिक्विड प्रोपल्शन सिस्टम सेंटर (एलपीएससी) के वैज्ञानिकों के साथ-साथ सेल के इंजीनियरों और धातुकर्मियों ने सेलम स्टील प्लांट में आवश्यक स्टेनलेस स्टील कॉइल्स को सफलतापूर्वक रोल करने के लिए निकट सहयोग किया था। इसमें, इलेक्टोर स्लैग रीमेल्टेड (ईएसआर) और आईसीएसएस-1218-321 ऑस्टेनिटिक स्टेन-लेस स्टील मानक के अनुरूप जाली स्लैब को सफलतापूर्वक हॉट रोल किया गया और इसरो की आवश्यकता के अनुसार 2.3 मिमी मोटाई में आगे ठंडा किया गया। इन 2.3 मिमी शीट का उपयोग 14 जुलाई को लॉन्च किए गए चंद्रयान 3 मिशन के क्रायोजेनिक इंजन (सीई20) डायवर्जेंट में किया गया था।