मदुरै स्टेशन अग्निकांड के बाद आसनसोल मंडल सतर्क
आसनसोल । रेलवे बोर्ड मदुरै स्टेशन अग्निकांड से हुई यात्रियों की मौत के बाद एक्शन मोड में आ गया है. रेलवे बोर्ड ने सभी जोनल रेलवे के महाप्रबंधकों को इस संबंध में जरूरी आदेश जारी किया है। इसे देखते हुए आसनसोल रेल मंडल के मैकेनिकल विभाग के अधिकारी और कर्मचारी भी इस घटना के बाद से सतर्क हो गये हैं। रविवार को इसे लेकर अधिकारियों ने जायजा लिया। कोचिंग कॉम्प्लेक्स साइडिंग में आसनसोल मुंबई एक्सप्रेस के एलएचबी कोच की फायर सेफ्टी को एक अधिकारी ने बताया कि आसनसोल डिवीजन से लंबी दूरी की तीन महत्वपूर्ण ट्रेनें चलती हैं। इनमें आसनसोल मुंबई, जसीडीह बेंगलुरु, जसीडीह-तंबाराम शामिल हैं। इन सभी ट्रेनों में तीन प्रकार के फायर सिस्टम लगे हैं। एसी कोच में फायर डिटेक्शन कम ब्रेक एप्लीकेशन फायर सिस्टम होता है। इस फ़ायर सिस्टम का काम होता है कि अगर एक कोच में कहीं से भी धुआं निकल रहा होता है तो ट्रेन की कोच में एक हॉर्न बजना शुरू हो जाता है। उसके बाद यात्रियों को बाहर निकलने के लिए माइकिंग शुरू हो जाती है। सभी फायर सिस्टम की जांच से नाइट्रोजन गैस और पानी का छिड़काव होने लगता है, जिससे आग काबू में आ जाती है। स्लीपर और सामान्य कोच में अग्निशमन यंत्र होता है। इन सभी सुरक्षा उपकरणों का रविवार को जायजा लिया गया और इसका एक्सपायरी डेट को भी देखा गया। उपकरणों का इस्तेमाल करके रहा है। उसकी जांच की गयी। अधिकारी ने यह बताया कि मुख्यालय से आदेश आया है कि फायर करके देखा जा रहा है कि वे काम कर सिस्टम का काम होता है कि अगर पैट्री सेफ्टी के संबंध में संबंधित रेलकर्मियों भी कोई बड़ी आग की घटना होने पर रहे हैं या नहीं, पैंट्री कार में फायर कार में आग लग जाये तो वह आग को को 15 दिन तक प्रशिक्षण दिया जायेगा। दोनों साइड से यात्री बाहर निकल सकें। डिटेक्शन एंड एक्सप्रेशन सिस्टम वाला बुझाता है। इसके सेंसर से आग का इनमें एसी कोच अटेंडेंट व पैंट्री कार के सुरक्षा का जायजा आगे भी लिया।संबंध में और भी जागरूक किया जायेगा. उन्होंने यह भी बताया कि ट्रेन के टॉयलेट में कुछ लोग धूम्रपान करके बीड़ी या सिगरेट के टुकड़े शौचालय के छोटे-मोटे छेद में घुसा देते हैं। टॉयलेट के ऐसे सभी छेदों को बंद किया जा रहा है। नो स्मोकिंग का स्टीकर लगाया जा रहा है।