वाइस चांसलर के नियुक्ति नियम को माने राज्यपाल, नहीं तो होगी जोरदार आंदोलन
आसनसोल । तृणमूल छात्र परिषद की तरफ से काजी नजरूल विश्वविद्यालय में विरोध प्रदर्शन किया गया। इस बारे में जानकारी देते हुए पश्चिम बर्दवान जिला तृणमूल छात्र परिषद अध्यक्ष अभिनव मुखर्जी ने कहा कि पश्चिम बंगाल के राज्यपाल मनमाने ढंग से विभिन्न विश्वविद्यालय में वाइस चांसलर के नियुक्ति कर रहे हैं। रात के अंधेरे में वह इन वॉइस चांसलरों को नियुक्त कर रहे हैं। इस नियुक्ति में वह राज्य के कानून व्यवस्था को दरकिनार कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि राज्य में यह व्यवस्था है कि राज्य सरकार द्वारा किसी भी विश्वविद्यालय के वाइस चांसलर के लिए तीन नाम को राज्यपाल के पास भेजा जाता है। राज्यपाल उन तीन नाम में से किसी एक को वाइस चांसलर के रूप में नियुक्त करते हैं। लेकिन यहां पर वाइस चांसलर की नियुक्ति राज्यपाल द्वारा अपने मर्जी से की जा रही है। उन्होंने कहा कि अगर राज्यपाल ही देश के कानून को नहीं मानेंगे तो आम जनता का देश के कानून व्यवस्था पर से विश्वास उठ जाएगा। उन्होंने मांग की की वाइस चांसलर की नियुक्ति के लिए जो कानून है। राज्यपाल को उस कानून को मन कर चलना होगा। वरना आने वाले समय में तृणमूल छात्र परिषद द्वारा पूरे जिला स्तर पर प्रदर्शन करेगी। पश्चिम बंगाल के राज्यपाल पर मन मानेढंग से राज्य के विश्वविद्यालय में वाइस चांसलर की नियुक्ति का आरोप लगाते हुए आज तृणमूल छात्र परिषद की तरफ से काजी नजरूल विश्वविद्यालय में धरना प्रदर्शन किया गया। मौके पर तृणमूल छात्र परिषद के पूर्व अध्यक्ष अशोक रूद्र भी धरने में शामिल हुए। उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल के वर्तमान राज्यपाल जिस तरह से सभी नियम कानून को तक पर रखकर विश्वविद्यालय में वाइस चांसलर की नियुक्ति कर रहे हैं। उसके खिलाफ तृणमूल छात्र परिषद द्वारा जो आंदोलन किया जा रहा है। वह पूरी तरह से वाजिब है। उन्होंने कहा कि राज्यपाल राज्य के उच्च शिक्षा कार्यालय को दरकिनार कर वाइस चांसलर की नियुक्ति नहीं कर सकते। उन्होंने आरोप लगाया कि राज्यपाल बीजेपी के एजेंट के रूप में कम कर रहे हैं। वाइस चांसलर की नियुक्ति के सभी नियमों को ताक पर रखकर जबरदस्ती वाइस चांसलर की नियुक्ति कर रहे हैं। उन्होंने मांग की की राज्यपाल के इस मनमानी को रोकना होगा और पहले जिस तरह से राज्य द्वारा प्रस्तावित 3 नाम में से किसी एक नाम को वाइस चांसलर बनाया जाता था। ठीक उसी प्रकार से वाइस चांसलर की नियुक्ति करनी होगी।