आसनसोल पूर्व रिसिविंग गुड्स केबिन में इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग का चालू होना, पूर्व रेलवे की एक मील का पत्थर उपलब्धि
कोलकाता । पूर्व रेलवे ने आसनसोल डिवीजन में आसनसोल ईस्ट रिसीविंग गुड्स कैन में केंद्रीकृत वास्तुकला के साथ सीमेंस मेक (वेस्ट्रेस) इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग सिस्टम चालू किया है। पहले यह केबिन लीवर फ्रेम द्वारा संचालित होता था और अब इसकी जगह इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग सिस्टम ने ले ली है। 15 सितंबर, 2023 को हासिल किया गया यह महत्वपूर्ण मील का पत्थर, मंडल रेल प्रबंधक आसनसोल, उप की असाधारण टीम वर्क और समर्पण का प्रमाण है। मुख्य सिग्नल एवं दूरसंचार इंजीनियर/परियोजना और उनकी प्रतिभाशाली टीमें। आसनसोल ईस्ट रिसीविंग गुड्स केबिन के लिए इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग की मुख्य विशेषताएं इस प्रकार हैं: • सुरक्षा और अखंडता सुनिश्चित करने के लिए नॉन ट्रैक सर्किट क्षेत्र को परिवर्तित किया गया है। • कुल मार्ग: 44 • कुल स्थापित प्वाइंट मशीनें: 10 • सीमेंस ने 14 नग डीपी और 6 नग ट्रैक सेक्शन वाला एमएसडीएसी बनाया है, • डमी मुख्य सिग्नलों की कुल संख्या :06 • शंट सिग्नलों की कुल संख्या: स्वतंत्र: 02, आश्रित: 06। • 1 एकीकृत विद्युत आपूर्ति (आईपीएस) प्रणाली (एचबीएल) चालू की गई। • एफ़्ट्रोनिक्स डेटा लॉगर बनाता है • आसनसोल ईस्ट रिसीविंग एल केबिन में स्वचालित फायर अलार्म और डिटेक्शन सिस्टम प्रदान किया गया। • आसनसोल पूर्व की इमारत के ऊपर क्लास ए का एक्टिव लाइटनिंग अरेस्टर उपलब्ध कराया गया है। आसनसोल ईस्ट रिसीविंग गुड्स केबिन में इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग सिस्टम रेलवे सिग्नलिंग तकनीक में एक छलांग का प्रतिनिधित्व करता है, जो क्षेत्र में रेलवे परिचालन की सुरक्षा, दक्षता और विश्वसनीयता को बढ़ाता है। यह अत्याधुनिक प्रणाली आसनसोल डिवीजन के भीतर पूरे रेलवे नेटवर्क पर परिवर्तनकारी प्रभाव लाने के लिए तैयार है। इस इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग की सफल कमीशनिंग सावधानीपूर्वक योजना, कठोर परीक्षण और समर्पित टीमों के अथक प्रयासों का परिणाम है। रेलवे परिचालन की सुरक्षा और ट्रेनों की निर्बाध आवाजाही सुनिश्चित करने के प्रति उनकी प्रतिबद्धता सराहनीय है। पूर्व रेलवे के महाप्रबंधक अमर प्रकाश द्विवेदी ने टीम द्वारा प्रदर्शित कड़ी मेहनत और समर्पण के लिए आभार व्यक्त किया। चेतना नंद सिंह, मंडल रेल प्रबंधक, आसनसोल ने कहा कि यह उपलब्धि रेलवे परिचालन की दक्षता को आधुनिक बनाने और बढ़ाने के प्रति हमारी प्रतिबद्धता को रेखांकित करती है। यह हमारे पेशेवरों की अनुकरणीय टीम वर्क और तकनीकी कौशल के बिना संभव नहीं हो सकता था। इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग सिस्टम की सफल शुरुआत रेलवे प्रौद्योगिकी को आगे बढ़ाने के प्रति हमारे अटूट समर्पण को दर्शाती है। इससे निःसंदेह सुरक्षित एवं अधिक कुशल ट्रेन परिचालन संभव होगा। इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग प्रणाली न केवल रेलवे सुरक्षा में सुधार करेगी बल्कि देरी को कम करने, यात्री और माल ढुलाई सेवाओं को बढ़ाने और समग्र रेलवे दक्षता को बढ़ावा देने में भी योगदान देगी। इस उल्लेखनीय उपलब्धि के साथ आसनसोल डिवीजन एक उज्जवल और अधिक तकनीकी रूप से उन्नत भविष्य के लिए तैयार है।