आसनसोल रेलपार ट्रेडर्स वेलफेयर एसोसिएशन का धरना पूरा हुआ 300 दिन
आसनसोल । आसनसोल के डिपो पाड़ा में आसनसोल रेलपार ट्रेडर्स वेलफेयर एसोसिएशन द्वारा आयोजित धरने का सोमवार 300वां दिन पूरा हुआ। मुआवजा और पुनर्वास की मांग पर यह लोग बीते 300 दिनों से यहां पर धरना पर बैठे हैं। मौके निगम के चेयरमैन अमरनाथ चटर्जी ने कहा कि रेलवे द्वारा विकास के दावे किए जा रहे हैं। विकास के खिलाफ कोई नहीं है। लेकिन विकास के नाम पर लोगों को बेरोजगार करना है। उनको अपने जगह से हटाया जाना कहां तक सही है। उन्होंने कहा कि यहां के व्यापारी दुकानों के जरिए अपने परिवार का पालन पोषण करते हैं। लेकिन अगर बिना मुआवजा या पुनर्वास के उनको हटा दिया जाए तो यह लोग कहां जाएंगे। उन्होंने कहा कि रेलवे विकास जरूर करें। लेकिन इन व्यापारियों के हितों को नजरअंदाज करके नहीं। वही आसनसोल रेल पार ट्रेडर्स वेलफेयर एसोसिएशन के सचिव आशीष कृष्णा चटर्जी ने कहा कि बीते 300 दिनों से वह लोग उचित मुआवजा तथा पुनर्वास की मांग पर प्रर्दशन कर रहें हैं। उन्होंने कहा कि यहां पर जो व्यापारी है उनके पास रोजगार का दूसरा विकल्प नहीं है। अगर उनसे यह रोजगार छिन जाता है तो वह लोग रास्ते पर आ जाएंगे। उन्होंने कहा कि यहां के व्यापारी रेलवे द्वारा विकास कार्य के खिलाफ नहीं है। वह भी चाहते हैं कि देश का विकास हो लेकिन उनकी सिर्फ एक ही मांग है कि उनके हितों को भी देखा जाए। उनको उचित मुआवजा तथा पुनर्वास दिया जाए। वहीं आसनसोल के 30 नंबर वार्ड की पार्षद गोपा हालदार ने कहा कि यहां पर यह सारी दुकाने हैं। अब अगर उनको बिना मुआवजा या पुनर्वास के हटा दिया जाए तो तकरीबन ढाई सौ दुकानों पर निर्भर करने वाले दुकानदारों का क्या होगा। उन्होंने कहा कि जिनकी जमीन है उनको तो मुआवजा मिल चुका है। लेकिन इन दुकानों में किराया लेकर जो अपना व्यापार चलाते हैं। उन लोगों का क्या होगा। उनके बारे में भी रेलवे को सोचना चाहिए। पार्षद ने कहा कि मंत्री मलय घटक की वह आभारी हैं, जिन्होंने यहां के व्यापारियों के हितों की लड़ाई लड़ी है। उन्होंने कहा है कि इस बारे में रेलवे के डीआरएम से उनकी बात हुई है और उनको पूरी आशा है कि रेलवे यहां के व्यापारियों के बारे में भी सोचेगा। मौके पर पार्थ आचार्या, दीपाली चक्रवर्ती, निलंजना मुखर्जी, बिनय कृष्णा धर, स्वपन पाल, सबिता पाल, स्वपन बनर्जी, तपन पाल सहित दर्जनों सदस्य मौजूद थे।